
कोटा .
पहले जेल में अनूप पाडि़या दलाल हंसराज नागर के माध्यम से डिप्टी जेलर के लिए बंदियों के परिजनों से अवैध वसूली कर रहा था। अब वही काम सत्येन्द्र भाया और राकेश जैन हंसराज के माध्यम से कर रहे हैं। अब भी वसूली की रकम दलाल हंसराज नागर के बैंक खाते में जमा करवाई जा रही है।
एसीबी द्वारा अप्रेल 2016 में जेल में वसूली के खेल का पर्दाफाश करने के बाद लगा था कि यह खेल अब यहीं थम जाएगा। डिप्टी जेलर बत्तीलाल मीणा, आरोपित अनूप पाडि़या और दो दलाल राजू व हंसराज नागर के पकड़े जाने के बाद कुछ समय तक तो मामला शांत रहा, लेकिन फिर से यह खेल अब भी जारी है। अब वसूली की कमान सत्येन्द्र भाया ने संभाल रखी है। सूत्रों ने बताया कि 21 नम्बर बैरक से दो मोबाइल नम्बरों से भाया व राकेश जैन बंदियों के परिजनों को फोन कर रुपए देने के लिए धमकाते हैं। बंदियों के परिजनों से वसूली गई रकम अब भी दलाल हंसराज नागर के आईडीबीआई बैंक के खाते में जमा करवाई जा रही है। वहां से वसूली की रकम भूपेद्र सिंह नाम के खाते में ट्रांसफर हो रही है। इसमें जेल प्रशासन की भी पूरी मिलीभगत सामने आ रही है, लेकिन अधिकारी मानने को तैयार नहीं हैं।
इनसे भी वसूली रकम : सूत्रों के अनुसार भाया व जैन कई बंदियों से वसूली कर चुके हैं। इनमें से धोखाधड़ी के मामले में जेल में बंद दिल्ली के दो बंदियों से तीन बार में करीब 1 लाख रुपए, दुष्कर्म के मामले में बंद भीलवाड़ा के बंदी से 50 हजार रुपए और एनडीपीएस एक्ट के मामले में बंद झालावाड के बंदी से भी हजारों रुपए रकम वसूलने का मामला सामने आया है।
Published on:
04 Jan 2018 06:47 pm
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