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इमाम सिद्दकी करेंगे वो काम, जिसे 10 साल में नहीं कर सकी राजस्थान सरकार

बिग बॉस फेम इमाम सिद्दकी मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में बसे ग्रामीणों के विस्थापन की कोशिशों में जुट गए हैं। वह ग्रामीणों को रोजगार भी दिलाएंगे।

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Imam Siddique will try to displace villagers settled in Mukandara

राजस्थान सरकार भले ही मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में टाइगर लाने की तैयारी कर रही है, लेकिन इस टाइगर रिजर्व में बसे 14 गांवों के हजारों ग्रामीणों के विस्थापन का मुद्दा अब भी लटका हुआ है। विस्थापन के बदले मिल रहे सरकारी पैकेज को ग्रामीणों ने नाकाफी बताते हुए ठुकरा दिया है। जिसके बाद विस्थापन का मामला अधर में लटक गया। सरकार के नाकाम रहने के बाद बिग बॉस फेम इमाम सिद्दकी ने इन ग्रामीणों के सम्मानजनक विस्थापन की कोशिशें शुरू कर दी है। वह ग्रामीणों को टाइगर रिजर्व से जनरेट होने वाले रोजगार से जोड़कर उन्हें संरक्षित क्षेत्र से बाहर लाने की कोशिशों में जुट गए हैं।

मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में सालों से 14 गांव बसे हुए हैं। मुकुंदरा में बाघ लाने से पहले राजस्थान सरकार और वन विभाग इन गांवों को खाली कराने की कोशिश में जुटा है, लेकिन उनकी विरोधाभाषी नीतियां ही विस्थापन की राह का रोड़ा बनी हुई हैं। 10 अगस्त को मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक जीवी रेड्डी ने इन गांव के लोगों से मुलाकात कर उन्हें जल्द से जल्द अपने घर और जमीन छोड़ने के लिए कहा। ग्रामीणों की पुस्तैनी जमीनों के बदले उन्हें डीएलसी रेट से 72 हजार रुपए प्रति बीघा मुआवजा और देकर पास के ही लखवा गांव में विस्थापित करने का भी आश्वासन दिया।

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मर जाएंगे या मार डालेंगे

राजस्थान सरकार और वन विभाग के इस विस्थापन पैकेज को लेने से ग्रामीणों ने साफ इनकार कर दिया। ग्रामीणों ने उन पर विस्थापन की दोहरी नितियां लागू करने का आरोप लगाते हुए कहा कि गिरधरपुर और दामोदर पुरा गांव के लोगों को सरकार 10-10 लाख का पैकेज दे रही है। जबकि बाकी बचे गांवों को इसके मुकाबले बेहद कम। इस पर ग्रामीणों ने सरकार के खिलाफ खुली लड़ाई लड़ने का ऐलान कर दिया कि या तो मर जाएंगे या मार डालेंगे, लेकिन विस्थापन में दोहरी नीति लागू नहीं होने देंगे।

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इन गांवों का विस्थापन बाकी

सरकार भले ही मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में 13 दिसंबर तक बाघ लाने की तैयारी में जुट गई हो, लेकिन 12 गांव के लोगों का विस्थापन ना होने से यह योजना खटाई में पड़ सकती है। लक्ष्मीपुरा, खरली बावड़ी, रूपपुरा, अखावा, कोलीपुरा, मुकुंदरा, दरा घाटी, मशालपुरा, नारायणपुरा, बागचांच, अम्बा और नौसेरा गांव के करीब 8 हजार लोगों का विस्थापन अभी तक नहीं हो पाया है। दो तरह के पैकेज की घोषणा से ग्रामीणों में रोष है। ऐसे में वन विभाग इन लोगों को जबरन मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व से बाहर निकालने की कोशिशों में जुट गया है। जिससे ग्रामीणों में खासा रोष है।

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इमाम सिद्दकी ने शुरू की कोशिशों

मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में बसे 12 गांव के ग्रामीणों का विस्थापन करने में राजस्थान सरकार के नाकाम रहने के बाद बिग बॉस और एमटीवी के टाइम आउट फेम फेमस कॉरियोग्राफर, एक्टर और एंकर इमाम सिद्दकी ग्रामीणों को मनाने में जुट गए हैं। मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व और कोटा टूरिज्म के प्रमोशन में जुटे इमाम सिद्दकी ने कोटा आकर ग्रामीणों से बात की और उनकी परेशानियां जानी। इसके साथ ही उन्हें सम्मानजनक विस्थापन के लिए मनाने की कोशिश की। इमाम ने राजस्थान पत्रिका को बताया कि ग्रामीणों की समस्याओं को सरकार के स्तर पर उठाएंगे और उनके समाधान की कोशिश करेंगे। कोई बीच का रास्ता निकाल कर ग्रामीणों का जल्द से जल्द विस्थापन कराने की कोशिश करेंगे ताकि मुकुंदरा में जल्द से जल्द बाघ आ सके। उन्होने बताया कि ग्रामीणों को टाइगर रिजर्व के काम से जोड़ने का प्रस्ताव भी सरकार के सामने रखेंगे। ताकि विस्थापन के बाद उन्हें स्थाई रोजगार मिल सके।