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शिक्षा नगरी कोटा जो हर साल देश को डॉक्टर्स व इंजीनियर्स देता है वहां की 100 में से 100 छात्राएं फैल

कोटा. रिजल्ट का इंतजार कर रही छात्राओं ने जब रिजल्ट देखा तो उनके होश उड़ गए। 100 में से 100 छात्राएं फैल हाे गई।

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कोटा

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abhishek jain

Nov 07, 2017

Girl Students of ITI College Kota

कोटा .

राजकीय आईटीआई कॉलेजों का सोमवार को डीजीईएनटी (डॉयरेक्टर ऑफ जनरल टेक्निकल एजुकेशन नई दिल्ली) की ओर से परीक्षा परिणाम घोषित किया गया। घोषित परीक्षा परिणाम में डीसीएम रोड स्थित राजकीय महिला आईटीआई की इन्फोरमेंशन ट्रेक्नोलॉजी व ब्यूटीशियन ट्रेड की करीब 100 में से 100 छात्राएं फेल हो गई।

इससे छात्राओं का आक्रोश फूट पड़ा और मंगलवार को दोपहर में एक बजे उपनिदेशक अशोक शर्मा का घेराव करने पहुंच गई। यहां उनके नहीं मिलने पर छात्राएं उनके केबिन में जम गई। दोपहर तीन बजे जब उपनिदेशक आए तो उन्हें घेरा और दोबारा सही रिजल्ड घोषित करने की मांग की।

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छात्राओं ने बताया कि आईटी ट्रेड में द्वितीय सेमेस्टर में 23 व ब्यूटीशियन में 25 छात्राएं, तृतीय सेमेस्टर की आईटी की 22 व ब्यूटीशियन की 25 छात्राएं व चौथे सेमेस्टर की भी कुछ छात्राएं समेत कुल 100 में से 100 छात्राएं फेल कर दी गई। छात्राओं के सभी विषयों में जीरो नम्बर दिए गए।

छात्राओं ने बताया कि हमने पेपर का एनरालिसिस किया। जिसमें हमें पता है कि नम्बर अच्छे आ सकते है ऐसा हो नहीं सकता है कि सभी छात्राओं ने पढ़ाई नहीं की हो, लेकिन सभी के जीरो नम्बर दिए गए। बाद में उपनिदेशक के दोबारा परीक्षा परिणाम सुधार के लिए जोधपुर निदेशालय भिजवाने की बात कही, तब छात्राएं मानी।

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चार साल से लगातार खराब परिणाम
छात्राओं का कहना है कि चार साल से आईटीआई कॉलेजों का परीक्षा परिणाम खराब आ रहा है, लेकिन हर बार फिर सुधार के आश्वासन मिलते है, लेकिन सुधार नहीं होता। दोबारा विद्यार्थियों को परीक्षा देनी पड़ती है। ऐसे में विद्यार्थियों का भविष्य दांव पर लगा रहता है। इसी के चलते इस बार आईटी ट्रेड में किसी ने एडमिशन नहीं लिया।


बढ़ा दी फीस

छात्रा ज्योति का कहना है कि हर साल पेपरों में बैक दे दी जाती है। ओआरएम शीट जांच के लिए राशि भी पांच सौ से बढ़ाकर सात सौ रुपए कर दी है। ऐसे में गरीब छात्राओं पर आर्थिक बोझ पड़ रहा है।

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तीन बार टॉप, अब फेल
छात्रा सारिका सैनी ने बताया कि सरकार की ओर से कॉलेजों में स्थायी शिक्षक नहीं लगा रखे है। गेस्ट फे कल्टी के शिक्षक लगा रखे है। कॉलेज की तरफ से बुक नहीं दी जाती है। नेट से बुक के सेट निकालकर पढ़ाई करते है। ऐसे में तीन बार कॉलेज टॉप किया है, लेकिन इस बार फेल कर दिया।

आईटीआई उपनिदेशक अशोक शर्मा का कहना है कि महिला आईटीआई कॉलेज में आईटी व ब्यूटीशियन ट्रेड में सभी छात्राएं फेल हो गई है। छात्राओं के दोबारा परिणाम सुधार के लिए जोधपुर लिखकर भेजा जाएगा।