बर्थ एस्फि क्सिया एक ऐसी बीमारी हैं। जिसमें पैदा होने के बाद नवजात शिशु न तो रो पाता है और न ही सांस ले पाता है। ऐसे में जान जाने का खतरा बढ़ जाता है। यह समस्या मस्तिष्क में ऑक्सीजन की कमी के कारण उत्पन्न होती है। भारत में नवजात शिशु इकाई में भर्ती कुल बच्चों के एक तिहाई बच्चे इस बीमारी के कारण भर्ती होते है। 16 प्रतिशत बच्चों की इस बीमारी के कारण अकाल मृत्यु होती है।
अब हर डिलेवरी पर शिशु रोग विशेषज्ञ नियुक्त किए। 24 घंटे एनआईसीयू में डॉक्टर नियुक्त किए।
एनआईसीयू को देखने के लिए वरिष्ठ सहायक आचार्य डॉ. मोहित अजमेरा, डॉ. चेतन मीणा, डॉ. निदा सिद्दीकी की टीम नियुक्त की गई।
नवजात में इस बीमारी से दिमाग में नुकसान को कम करने के लिए और मानसिक विकास सामान्य बना रहने के लिए नियोनेटल हालबॉडी कूलिंग मशीन खरीदी गई।
डॉ. एचएल मीणा, अधीक्षक, जेके लोन अस्पताल, कोटा
2021- 4904 बर्थ एस्फि क्सिया के कुल मरीज भर्ती 2020- 567
2021- 315 जीवित रहना 2020-382
2021-223 (24-11-2021 तक के आंकड़े)