कोटा दक्षिण निगम में 22 वार्ड ऐसे हैं, जहां भाजपा और कांग्रेस के प्रत्याशियों के बीच सीधी टक्कर है, जबकि उत्तर निगम में 19 वार्डों में भाजपा और कांग्रेस प्रत्याशियों के बीच चुनावी दंगल में सीधा मुकाबला होगा। दक्षिण निगम के 24 वार्डों में त्रिकोणीय मुकाबला होने जा रहा है। त्रिकोणीय मुकाबले में कोटा उत्तर निगम ने दक्षिण को पीछे छोड़ दिया है। उत्तर निगम के 27 वार्डों में त्रिकोणीय मुकाबला होगा। कोटा दक्षिण निगम में दो वार्ड ऐसे हैं, जहां आठ प्रत्याशी मैदान में हैं।
नगर निगम चुनाव में दोनों ही निगम में भाजपा और कांगे्रस के कई-कई बागियों ने चुनावी दंगल में ताल ठोक रखी है। भाजपा से ये बागी मैदान में
कोटा दक्षिण नगर निगम के वार्ड-31 से पूर्व पार्षद ओम गुंजल भी अधिकृत प्रत्याशी के खिलाफ बगावत कर मैदान में डटे हैं। कोटा उत्तर के वार्ड 50 से पूर्व पार्षद राकेश सुमन पुटरा ने भी बागी होकर चुनावी दंगल में ताल ठोक रखी है। भाजपा जिला कार्यकारिणी के पूर्व सदस्य इरशाद अली बागी के रूप में कोटा उत्तर निगम के वार्ड-15 से चुनाव लड़ रहे हैं।
निगम चुनाव के समन्वयक राजेन्द्र राठौड़, कोटा दक्षिण के प्रभारी अर्जुन मीणा, उत्तर निगम प्रभारी किरण माहेश्वरी तथा कोटा के प्रभारी सांसद सी.पी. जोशी पिछले तीन दिन से बागियों को समझाने में जुटे हुए थे। चुनाव समन्व्यक राठौड़ ने कहा, कोई भी पूर्व विधायक व विधायक बागी का समर्थन नहीं करेगा, यदि ऐसा सामने आता है तो तथ्यात्मक रिपोर्ट लेकर प्रदेश नेतृत्व को कार्रवाई के लिए भेजेंगे।
कांग्रेस के बागी भी मैदान में डटे पूर्व पार्षद जिग्नेश शाह ने भी नामांकन वापस नहीं लिया। वे कोटा दक्षिण नगर निगम के वार्ड-38 से चुनाव लड़ रहे हैं। इसी तरह कई अन्य कांग्रेस की विचारधारा से जुड़े कार्यकर्ता भी चुनावी मैदान में डटे हैं। पार्टी इनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की तैयारी कर रही है। नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल और शहर अध्यक्ष रविन्द्र त्यागी पिछले दो दिनों से बागियों को मनाने के लिए समझाइश कर रहे थे।