22 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Kota Chambal River Front : दुनिया की सबसे बड़ी घंटी का सांचा खोलने का फॉर्मूला हुआ गुम, कैसे खुलेगा सचिव ने दिया जवाब

World Largest Bell in Kota : कोटा के चंबल रिवर फ्रंट में लगी दुनिया की सबसे बड़ी घंटी के सांचे को खोलते समय हुए हादसे में प्रोजेक्ट डिजाइनर देवेन्द्र आर्य व उनके सहायक की मौत हो गई है। आर्य ने जब काम छोड़ा था तब ढाई माह में कोई भी इस घंटी को नहीं खोल सका था। अब सवाल उठ रहा है कि उनकी मौत के बाद घंटी अब सांचे से बाहर कैसे आएगी? जानें इस का जवाब।

2 min read
Google source verification
kota.jpg

Kota Chambal River Front

कोटा चंबल रिवर फ्रंट में लगी दुनिया की सबसे बड़ी घंटी के सांचे को खोलते समय हुए हादसे में प्रोजेक्ट डिजाइनर देवेन्द्र आर्य व उनके सहायक की मौत हो चुकी है। अब सवाल यह है कि इस घंटी का सांचा कौन खोलेगा? इस घंटी को खोलने की तकनीक देवेन्द्र आर्य ही जानते थे। यूआईटी के ठेकेदार व देवेन्द्र आर्य के बीच विवाद के बाद भी सांचा खोलने के लिए देवेन्द्र आर्य को ही बुलाना पड़ा था। इस घंटी का काम 3 जुलाई 2022 को शुरू हुआ था। ढलाई 17 अगस्त 2023 को पूरी की गई। इसे जल्दी खोलने को लेकर चीफ आर्किटेक्ट अनूप भरतरिया व देवेन्द्र आर्य में विवाद हुआ था। देवेन्द्र आर्य (मेटलॉजिस्ट) धातु के विशेषज्ञ थे। उन्होंने दुनिया की सबसे बड़ी ज्वाइंटलेस घंटी के लिए विशेष धातु का मिश्रण तैयार किया था। इसके अलावा सांचा बनाने का काम भी उन्होंने किया और इसकी ढलाई भी उनकी देखरेख में हुई। इसे खोलने का काम भी वहीं कर रहे थे।



सिलिका व विशेष केमिकल से किया था लॉक

देवेन्द्र आर्य ने एक बार पत्रिका को बताया था कि सांचे में घंटी को आकार देने के लिए विशेष साइज की सिलिका रेत बनाई गई। रेत के साथ केमिकल मिलाया गया। इससे घंटी की ढलाई का सांचा तैयार किया गया, क्योंकि घंटी में 79 हजार किलो विशेष धातु से ढाली जानी थी। इससे वहां का तापमान करीब 3000 डिग्री तक पहुंचना था। ऐसे में यह केमिकल ही सिलिका के साथ मिलकर ऐसा रूप ले सकता था जिसमें लचक होने के साथ पत्थर जैसी मजबूती हो। जिसे केवल डि-केमिकललाइज करके ही खोला जा सकता है, जिसका फॉर्मूला आर्य के पास ही था।

यह भी पढ़ें - चंबल रिवर फ्रंट की मनमोहक Video देखकर कहेंगे, वाह

विशेषज्ञों की मदद से खोलेंगे घंटी

सचिव, नगर विकास न्यास कोटा सचिव मानसिंह ने कहा, देवेन्द्र आर्य व सहायक की दुर्घटना में मौत दुखद है। अब घंटी को खोलने के लिए विशेषज्ञों से सलाह लेकर काम किया जाएगा। विशेषज्ञों से इसे पूरे अध्ययन के बाद खुलवाया जाएगा।

वेतन न मिलने से 750 संविदाकर्मी खफा

चंबल रिवर फ्रंट पर तैनात करीब 750 संविदाकर्मी करीब दो माह से वेतन नहीं मिलने से खफा होकर मंगलवार को हड़ताल पर चले गए। इस दौरान संविदा कर्मियों ने यह चेतावनी भी दी है कि जब तक उन्हें वेतन का भुगतान नहीं किया जाता। वे चंबल रिवर फ्रंट में किसी को प्रवेश नहीं करने देंगे।

यह भी पढ़ें - बाड़मेर में दर्दनाक हादसा, बाइक सवार की चाइनीज मांझे से गर्दन की नस कटी, मृत्यु