
कोटा विकास प्राधिकरण की बैठक में कॉलोनी की लॉन्चिंग करते अधिकारी (फोटो: पत्रिका)
Kota Development Authority Schemes: कोटा विकास प्राधिकरण (केडीए) की चौथी बैठक बुधवार सुबह संभागीय आयुक्त और प्राधिकरण अध्यक्ष राजेन्द्र सिंह शेखावत की अध्यक्षता में केडीए सभाकक्ष में आयोजित की गई। बैठक में निर्णय लिया गया कि प्राधिकरण के कार्यों की गुणवत्ता जांच के लिए थर्ड पार्टी निरीक्षण करवाया जाएगा। इसके लिए केडीए आईआईटी और प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग कॉलेज के विशेषज्ञों की मदद लेगा।
आवंटित भूखंड में नियत समयावधि में निर्माण नहीं करने पर खाली भूखंड में यदि जल भराव होता है और जनहानि एवं मौसमी बीमारियां फैलने की आशंका रहती है तो ऐसे भूखंड संबंधित कनिष्ठ अभियंता की ओर से चिह्नित किए जाएंगे और वहां मिट्टी भराई करवाकर खर्च की वसूली पट्टाधारक से की जाएगी। भूखंडधारी ने यदि मिट्टी भराई का खर्च एवं समयावधि में निर्माण नहीं किया तो उससे निर्माण शास्ति की वसूली की जाएगी। खाली भूखंड में जल भराव के कारण किसी प्रकार की जनहानि होने पर संबंधित पट्टाधारक के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज करवाई जाएगी।
बैठक में कोटा के सड़क और पार्कों समेत आधारभूत विकास कार्यों के लिए 1650 करोड़ रुपए का बजट पारित किया गया। इसके साथ ही दो आवासीय योजनाओं की भी लॉन्चिंग की गई। इस अवसर पर कोटा विकास प्राधिकरण की ओर से दो नई आवासीय योजनाएं भी लॉन्च की गई।
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इसमें नन्दग्राम योजना में एयरपोर्ट रोड पर बड़गांव के पास लॉन्च की गई है। इसमें अफोर्डेबल हाउसिंग के लिए ईडब्ल्यूएस और एलआईजी श्रेणी के 46 भूखंड, एमआईजी श्रेणी के 19 भूखंड उपलब्ध होंगे। इस योजना में पार्क, फेसिलिटी एवं फुटकर दुकानें भी प्रस्तावित की गई हैं। यह योजना 36 मीटर चौड़ी सड़क पर स्थित है, जो बड़गांव को बूंदी रोड से जोड़ती है।
वहीं दूसरी केडीए की दूसरी योजना रस्टिक फार्म बल्लोप, बूंदी रोड पर होगी। इसमें 18 फार्म हाउस और एक क्लब हाउस प्रस्तावित है। फार्म हाउस का क्षेत्रफल 1500 से 3000 वर्ग मीटर होगा। बैठक में जिला कलक्टर बूंदी अक्षय गोदारा, केडीए आयुक्त ऋषभ मंडल, केडीए सचिव कुशल कोठारी, भूमि अवाप्ति अधिकारी मालविका त्यागी, निदेशक वित्त नीतू सिंह, निदेशक अभियांत्रिकी रविन्द्र माथुर सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
बैठक में निर्णय लिया गया कि जिन भूखंड आवंटियों ने आवंटन की शर्तों की पालना नहीं की। उनके खिलाफ लैंड रेवेन्यू एक्ट के तहत नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। आवंटन शर्तों के अनुसार लबे समय तक निर्माण नहीं होने और आवंटन की शर्तों के उल्लंघन पर नियमानुसार भूखंड निरस्त किए जाने की कार्रवाई भी की जा सकती है।
Published on:
29 May 2025 02:41 pm
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