सुधा अस्पताल के ह्दय रोग विशेषज्ञ डॉ. पुरुषोत्तम मित्तल ने बताया कि 19 मई को इमरजेंसी में केशवपुरा निवासी मोहम्मद यूसुफ को बेहोशी की हालात में भर्ती कराया गया था। उनकी सांसें उखड़ी हुई थी और शरीर निष्क्रिय था। धड़कन 25 की गति से चल रही थी। मरीज को पहले 24 घंटे ऑक्सीजन सपोर्ट सिस्टम पर रखा। जांच में हार्ट ब्लॉक होने पर टेंपरेरी पेसमेकर पर लगाया तो शरीर में हलचल प्रारंभ हुई। मरीज की सेंट्रल वेन व हृदय की रक्त वाहिनी कमजोर व टेढ़ी-मेढ़ी हो चुकी थी, जिस कारण पेसमेकर की लीड को हृदय के अंदर डालना जटिल व खतरे का कार्य था।
20 मई को डॉ. मित्तल के साथ निश्चेतना विशेषज्ञ डॉ. राकेश मालव, सीटीवीएस सर्जन डॉ. पलकेश अग्रवाल, कॉर्डियोलॉजिस्ट डॉ. प्रवीण कोठारी की टीम ने 2 घंटे में सर्जरी कर परमानेंट पेसमेकर लगाया। डॉ. सुनील, डॉ. राकिब व डॉ. जयप्रकाश ने भी ऑपरेशन में सहयोग किया। अभी मरीज स्वस्थ है। मोहम्मद यूसुफ मूलत: झालावाड़ के निवासी हैं। वह मध्यप्रदेश पुलिस सेवा से सेवानिवृत्त हैं। परिवार में 46 सदस्य हैं, जिसमें 6 बेटे व 1 बेटी, 26 पोते व 11 पड़पोतियां हैं। मोहम्मद यूसुफ की सेवानिवृत्ति 1978 में होनी थी, लेकिन मध्यप्रदेश सरकार ने उनकी परफोर्मेंस को देखते हुए दो साल एक्सटेंशन दिया था। वे 1980 में रिटायर हुए।
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विश्व में 5 शतायु पार मरीजों को पेसमेकर लगाने का ही रेकॉर्ड
भारत में इससे पहले 118 वर्षीया करतार कौर को फिरोजपुर में पेसमेकर लगाया गया था। विश्व में केवल 5 शतायु पार मरीजों को पेसमेकर लगने का रेकॉर्ड उपलब्ध है।