
कोटा। कोरोना (Corona) के बढ़ते संक्रमण के चलते इस बार 127 वें राष्ट्रीय दशहरा मेले के आयोजन को लेकर भी संशय की स्थिति बनी हुई है। निगम प्रशासन ने राज्य सरकार को पत्र लिखकर मेले के आयोजन के संबंध में मार्गदर्शन मांगा है। निगम प्रशासन ने पत्र में सरकार से आग्रह किया है कि मेले के आयोजन की साल से चली आ रही परम्परा को कायम रखने के लिए मेले के उदघाटन से लेकर समापन तक सांक ेतिक रूप से पूजा अर्चना की अनुमति दी जाए। हालांकि अंतिम निर्णय सरकार के स्तर पर ही होगा।
कोटा के राष्ट्रीय दशहरा मेले की पहचान राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर है। रियासत काल से निर्बाध रूप से पिछले साल तक 126 वें मेले का आयोजन हुआ है। मेले में लाखों लोगों की भागीदारी रहती है। इस साल 127 वां मेला भरा जाना था। दशहरा मेला अक्टूबर में भरा जाना प्रस्तावित है। रावण दहन 25 अक्टूबर को होगा। रावण दहन के कार्यक्रम में हर साल एक लाख से अधिक से अधिक लोगों की भागीदारी रहती है। हजारों लोग भगवान लक्ष्मी नारायणजी की सवारी में शामिल होते हैं। समापन पर भी करीब डेढ़ लाख लोगों की मौजूदगी रहती है। मेले में प्रतिदिन औसत 50 से 70 हजार लोग आते है। संक्रमण के दौर में मेले का आयोजन होना मुश्किल है। हालांकि सांकेतिक रूप से पूजा-अर्चना हो सकती है।
मेले के आयोजन के संबंध में सरकार को पत्र लिख दिया गया है। सरकार से आग्रह किया है कि भले ही मेला नहीं भरा , लेकिन परम्परा बनी रहे, इसलिए सांकेतिक रूप से पूजा अर्चना व कार्यक्रमों की अनुमति दी जाए। कीर्ति राठौड़ आयुक्त नगर निगम कोटा दक्षिण
Published on:
18 Jul 2020 07:54 pm
बड़ी खबरें
View Allकोटा
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
