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BIG NEWS: अलर्ट: खतरे में कोटा बैराज, राजस्थान की सुरक्षा पर लगा दांव, मंत्री-विधायक भी बेपरवाह

Kota News, Kota Hindi News, Kota Barrage is unsafe: हाड़ौती की लाइफ लाइन कहा जाने वाला कोटा बैराज असुरक्षित है। दिनोंदिन स्थिति भयावह होती जा रही है।

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कोटा

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Zuber Khan

Jul 10, 2019

Kota Barrage is unsafe

BIG NEWS: अलर्ट: खतरे में कोटा बैराज, राजस्थान की सुरक्षा पर लगा दांव, मंत्री-विधायक भी बेपरवाह

-जल संसाधन विभाग के अधिकारी सुस्त, सीसीटीवी कैमरे तक बंद
कोटा. जल संसाधन विभाग ( Water Resources Department ) के अधिकारियों की लापरवाही का खामियाजा कहीं हाड़ौती की जनता को जानमाल से न चुकाना पड़े। क्योंकि हाड़ौती की लाइफ लाइन ( Life Line ) कहा जाने वाला कोटा बैराज असुरक्षित है। ( Kota Barrage is unsafe ) इसकी दीवार को चूहों ने खोखला कर दिया है। इससे बांध की सुरक्षा खतरे में है। कोटा के विधायक और मंत्री भी बैराज को लेकर उदासीन हैं। कोटा की 12 लाख की आबादी का गला तर करने वाले बैराज की सार-संभाल नहीं हो रही। स्थिति दिनोंदिन भयावह होती जा रही है।

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राज्य सरकार ( Rajasthan Government ) ने मानसून ( monsoon ) के मद्देनजर प्रदेशभर के बांधों की सुरक्षा को लेकर अलर्ट जारी किया है। कोटा बैराज पर भी चारों बांधों के पानी की आवक की निगरानी के लिए कन्ट्रोल रूम स्थापित कर दिया है। जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियंता व उनकी टीम ने पिछले दिनों बैराज समेत चारों बांधों का प्री-मानसून चैकअप भी किया।

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पत्रिका टीम ने मंगलवार को बैराज की स्थिति देखी तो चिंताजनक तस्वीर सामने आई। बांध की पाल (दीवार) ( Kota Barrage wall damaged ) को चूहों ने खोखला कर दिया है। कई जगहों पर चूहों ने बिल बना रखे हैं जो बैराज पर घाव जैसे दिख रहे हैं। बांध विशेषज्ञों ( Dam Expert ) का कहना है कि बैराज के जख्मों का उपचार समय रहते नहीं किया तो नासूर बन सकते हैं। जो बैराज के लिए खतरा साबित होंगे। एक साल पहले राज्य सरकार ने कोटा बैराज समेत अन्य बांधों की मरम्मत के लिए छह करोड़ का बजट दिया था, लेकिन यह बजट ऊंट के मुंह में जीरा साबित हुआ।

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गेट खाने लगे जंग, जम गई गाद
जल संसाधन विभाग ने प्री-मानसून चैकअप में बांध की स्थिति की जांच की और आंखें मूंदकर फिट होने की रिपोर्ट दे दी, जबकि बैराज के गेट में जंग लग चुकी हैं। जगह-जगह से पानी बहता रहता है। स्लूज गेट खोले तो वर्ष हो गए हैं। इससे कारा गाद और मिट्टी जम गई है। बांधों के गेटों की मरम्मत की सख्त जरूरत है। पिछले साल हुई मध्यप्रदेश राजस्थान चम्बल अंतरराज्यीय नियंत्रण मण्डल की तकनीकी कमेटी की बैठक में भी कोटा बैराज समेत चारों बांधों की मरम्मत का प्रस्ताव लिया था, लेकिन दोनों ही राज्यों की सरकारें बांधों को लेकर गंभीर नहीं है।

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तीसरी आंख भी खराब

बैराज पर 24 घण्टे निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे लगे हैं, लेकिन यह बंद पड़े हैं। मानसून से पहले सीसीटीवी कैमरों तक को दुरुस्त नहीं करवाया गया है। सुरक्षा व्यवस्था के नाम पर एक होमगार्ड है।