
Kota Police Station Phones are Disconnected
डायल किए गए फोन नंबर की सेवाएं अस्थाई रूप से खत्म कर दी गई हैं... जब थी कोटा के एक तिहाई पुलिस थानों में फोन लगाइए आपको यही मैसेज सुनाई देगा। कुछ थानों की हालत तो और भी ज्यादा खराब है। उनका फोन तो कई दिनों से व्यस्त आ रहा है। वहीं देश के सबसे हाईटेक कहे जाने वाले कोटा पुलिस के अभय कमांड सेंटर से जुड़े 90 फीसदी कैमरे मुख्यमंत्री और गृहमंत्री के हाथों हुए उदघाटन के बाद से ही बंद पड़े हैं। राजस्थान की नंबर वन पुलिस से परेशान होकर कोटा के लोगों ने राजस्थान पुलिस का ध्येय वाक्य बदल कर 'आमजन में भय, अपराधियों में विश्वास' तक कर दिया है। बावजूद इसके हालात सुधरने का नाम नहीं ले रहे।
सुनाई पड़ता है सिर्फ रिकॉर्डिड टेप
राजस्थान पुलिस के आला अधिकारी सूचना मिलते ही जनता तक पहुंचने का दावा करते थक नहीं रही। एक तरप तो हर क्राइम मीटिंग में रेस्पोंस टाइम को कम करने की बात होती है, लेकिन वहीं दूसरी तरफ हालत यह है कि लोगों के पास पुलिस तक सूचना पहुंचाने व जानकारी देने का जरिया ही नहीं है। आमजन और पुलिस के बीच तत्काल संवाद का एकमात्र जरिया थाने का फोन होता है, लेकिन कोटा के करीब एक तिहाई थानों के फोन ही लंबे समय से बंद पड़े हैं। इन थानों में फोन करने पर पुलिसकर्मी की जगह दूरसंचार विभाग के टेप सुनाई पड़ते हैं। कभी नंबर के व्यस्त होने तो कभी अस्थाई रूप से फोन कटे होने की आवाज सुनाई दे रही है। हालात यह है कि पुलिस कंट्रोल रूम का नंबर डायल करने पर वह भी अक्सरकर व्यस्त ही बताता है।
इन थानों की नहीं बजती घंटी
लोगों की शिकायतों के बाद जब पत्रिका संवाददाता ने हकीकत जाननी चाही तो हैरत में पड़ गए। कोटा के 18 में से 6 थानों के फोन कटे हुए हैं। इनमें दादाबाड़ी, किशोरपुरा, नयापुरा व रामपुरा थानों के नम्बर पर फोन करने पर यही सुनाई देता है कि इस नम्बर की सेवाएं कुछ समय के लिए हटा ली गई हैं। वहीं अनंतपुरा थाने का फोन नम्बर तो अस्तित्व में नहीं है, जबकि रेलवे कॉलोनी थाने का फोन नम्बर दो दिन से व्यस्त बता रहा है।
शुरू होने से पहले ही बंद हो गए 90% कैमरे
कोटा पुलिस को हाईटेक बनाने के दावों के बीच राजस्थान की मुख्यमंत्री और गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया ने जोर-शोर से 18 अगस्त को अभय कमांड सेंटर का उद्घाटन किया था। सीएम ने दावा किया था कि इस हाईटेक पुलिस कंट्रोल रूम से पूरे शहर के चप्पे-चप्पे पर नजर रखी जा सकेगी और कोई अपराधी पुलिस की आंख से बच नहीं सकेगा। दो महीने बाद जब अभय कमांड सेंटर की पड़ताल की गई तो पता चला कि इससे जुड़े सीसीटीवी कैमरे और कंप्यूटर शुरू होने से पहले ही बंद हो गए हैं।
चलाना आता नहीं, बहा दिए लाखों रुपए
हाईटेक पुलिस कमांड सेंटर को लेकर बड़ा खुलासा यह हुआ कि राजस्थान सरकार ने इसे तैयार करने में लाखों रुपए पानी की तरह बहा दिए, लेकिन कैमरों और कंप्यूटर चलाने की ट्रेनिंग किसी भी पुलिस कर्मी को नहीं दी। अब इसे चलाने के लिए प्रशिक्षित स्टॉफ की तैनाती का इंतजार किया जा रहा है, लेकिन उसके बाद भी समस्या जस की तस बनी रहेगी। क्योंकि पुराने पुलिस कर्मी इन अत्याधुनिक संसाधऩों को चलाना तो सीख जाएंगे, लेकिन कोई खामी आने पर उसे ठीक करना उनके बस की बात नहीं होगी। इसके लिए कोटा को जयपुर की टेक्नीकल टीम के भरोसे ही रहना होगा।
Updated on:
16 Oct 2017 01:33 pm
Published on:
16 Oct 2017 01:31 pm
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