
Man Married Stone Sculpture and left his Wife
राजस्थान के कोटा में मंगलवार को एक अजीबो-गरीब वाकया हुआ। खुद को रावण का अवतार बताने वाले एक शख्स राजाराम जैन कर्मयोगी ने अपनी अच्छी खासी पत्नी को छोड़कर पत्थर की मूर्ति से शादी रचा ली। इस शादी को कराने के लिए शहर के तमाम संत भी मौजूद रहे। खबर ट्रोल होते ही कर्मयोगी को सोशल मीडिया पर खरी-खोटी सुनाने वालों का तांता लग गया। बड़ी बात यह है कि 5 साल पहले राजाराम ने जिस महिला अल्का से शादी की वह इस फैसले में उसके साथ खड़ी है। हालांकि राजाराम के इस फैसले पर कोर्ट की मुहर लगना बाकी है, क्योंकि तलाक के लिए दी गई उसकी अर्जी पर अभी तक कोर्ट ने मोहर नहीं लगाई है।
पत्नी की जगह भाई पत्थर की मूरत
खुद को कभी सामाजिक कार्यकर्ता तो कभी रावण का अवतार बताने वाले राजाराम जैन कर्मयोगी ने मंगलवार को पत्थर की मूर्ति को जयमाला पहनाकर उससे शादी कर ली। तमाम संतों की मौजूदगी में राजाराम ने दोपहर 12 बजे जवाहर नगर स्थित मंगल भवन में यह विवाह किया। शादी से पहले संतों ने पत्थर की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की और उसका नाम देवी पार्वती के नाम पर रखा। इसके बाद राजाराम ने 16 संकल्प लेते हुए यह अजीबो-गरीब ब्याह रचाया।
पांच साल पहले हुई थी शादी
5 साल पहले बारां निवासी अल्का दुलारी नाम की महिला से राजाराम ने शादी की थी। 12 दिसंबर 2012 को 12 संकल्पों के साथ अल्का के साथ 7 फेरे लिए, लेकिन इस दौरान दोनों के बीच ऐसे मतभेद पैदा हुए कि नौबत तलाक तक की आ गई। इन सबके चलते राजाराम ने पत्नी से अलग रहने के लिए पारिवारिक न्यायालय में प्रार्थना पत्र पेश किया है। राजाराम के मुताबिक, पारिवारिक तनाव के कारण समाजसेवा में बाधा उत्पन्न हो रही थी इसलिए उन्होंने पत्नी अल्का से अलग होने का निर्णय लिया।
अलका बोल- क्यों तलाश रहे हैं पत्थर में पत्नी
कर्मयोगी से मतभेदों की बात को सिरे से खारिज करते हुए उनकी पत्नी अल्का दुलारी ने कहा कि मैंने हमेशा पति का कहना माना। हमेशा उनके पीछे चली, उनकी हर बात पर हमेशा सहमत रही। मेरा उनके सिवा कोई नहीं है। मुझसे कोई गलती हुई तो मुझे बताए। मेरे लिए तो वे ही सब कुछ है। पता नहीं वो पत्थर में पत्नी क्यों तलाश रहे हैं, जबकि मैं तो अब भी उनके साथ हूं।
Updated on:
13 Dec 2017 05:11 pm
Published on:
13 Dec 2017 03:45 pm
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