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जिस 129 किलो के वजनी शरीर पर लोग बनाते थे मजाक, दौड़ से 49 किलो घटाकर बने मिसाल

कोटा. करीब 129 किलो वजनी शरीर को देख कर लोग मजाक बनाया करते थे। वो आज लोगों के लिए मिसाल बन गए।

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कोटा

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abhishek jain

Feb 23, 2018

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कोटा.

करीब 129 किलो वजनी शरीर को देख कर लोग मजाक बनाया करते थे। उठने-बैठने में परेशानी, हर काम में आलस। कुछ कदम पैदल चलते ही पैर-दर्द शुरू। 100 मीटर दौड़ में दम फूलने लगता था। लेकिन, इन सब समस्याओं से एक साल में छुटकारा पा लिया शहर के युवा व्यवसायी आबिद कागजी ने। उन्होंने लगातार दौड़ लगाकर सालभर में 49 किलो वजन घटाया और पिछले तीन साल से अपना वजन 79-81 किलो पर नियंत्रित कर रखा है। कागजी इन दिनों कोटा में होने वाले वॉक-ओ-रन मैराथन में शामिल होने के लिए जी जान से अभ्यास कर रहे हैं।
लक्ष्य है कि युवाओं को दौड़ के लिए जागरूक करें।

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35 सीढिय़ों ने जीते जी दिखा दी मौत
आबिद बताते हैं कि बात 25 नवम्बर 2014 की थी, जब वे अपने साथियों के साथ जयपुर गए थे। जिनसे मिलना था, वे तीसरी मंजिल पर रहते थे। मल्टीस्टोरी में उस समय लिफ्ट बंद थी। करीब 35 सीढिय़ां चढऩी पड़ी। पांच-छह बार रुकना पड़ा। दम फूला तो बस जान ही नहीं निकल गई, बस सामने मौत ही नजर आई।

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मजाक बना तो मजबूत हुए इरादे
कागजी बताते हैं कि कोटा आए तो पूरी रात नींद नहीं आई। रात भर सोचते रहे, शरीर ऐसे ही रहा तो क्या होगा। दूसरे दिन तड़के 6 बजे सीबी गार्डन पहुंचे तो दोस्तों ने मजाक बनाया। पहली बार 500-600 मीटर पैदल चले, धीरे-धीरे पूरा चक्कर करने लगे। 4-5 महीने तक भी वजन नहीं घटा तो साथियों ने दौड़ की सलाह दी। पहली बार हाथ पकड़ कर सीबी गार्डन का पूरा राउंड दौड़ लगाकर पूरा किया तो सांस फूल गई। लेकिन हार नहीं मानी। रोजाना सीबी गार्डन में दौडऩा शुरू कर दिया। आज 12-15 किमी की दौड़ लेते हैं। इसी वजह से फुटबॉल, रकबी खिलाड़ी बन गए। बकौल कागजी, व्यायाम, कसरत, दौड़ के समय भोजन का किसी प्रकार का परहेज उन्होंने नहीं किया। आज भी जमकर खाते हैं। लेकिन मैं जितनी कैलोरी लेते हैं, दिनभर में भाग दौड़, कर बर्न कर देते हैं।

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ये जी‍ती मैराथन

21 किमी की 2016 में जयपुर में, 1.43 घंटे में पूरी।
21 किमी की 2016 में दिल्ली में, 1.55 घंटे में पूरी।
21 किमी की 2017 में दिल्ली में, 1.57 घंटे में पूरी।
21 किमी की 2018 में जयपुर में, 2.15 घंटे में पूरी।
42 किमी की 2015 में जयपुर में, 4.19 घंटे में पूरी।
63 किमी की 2018 में कोटा में, 9 घंटे में पूरी।


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