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मरीजों के मसीहा बन डॉक्टर्स के खिलाफ खड़े हुए दूधवाले, बोले इलाज नहीं तो दूध नहीं

कोटा. विभिन्न मांगों को लेकर हड़ताल पर उतरे चिकित्साकर्मियों के खिलाफ अब कोटा शहर के प्राइवेट डेयरी फेडरेशन ने भी मोर्चा खोल दिया है।

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कोटा

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abhishek jain

Nov 09, 2017

Milkmen Come against Doctors Strike

कोटा .

विभिन्न मांगों को लेकर हड़ताल पर उतरे डॉक्टर, नर्सिंग कर्मचारी, कम्पाउंडर व अन्य स्टॉफ के खिलाफ अब कोटा शहर के प्राइवेट डेयरी फेडरेशन ने भी मोर्चा खोल दिया है। डेयरी संघ ने बुधवार को घोषणा की है कि मानवीय दृष्टिकोण को अपनाते हुए हड़ताल पर उतरे चिकित्सकों व अन्य स्टॉफ को अस्पतालों की व्यवस्थाएं संभाल लेनी चाहिए। नहीं तो शुक्रवार से हड़ताल में शामिल डॉक्टर्स, नर्सिंग स्टॉफ, कम्पाउंडर व सहयोगियों के घर दूध की आपूर्ति नहीं की जाएगी।

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फैडरेशन अध्यक्ष उमरदीन रिजवी ने बताया कि दो दिन से मरीज अस्पतालों में उपचार के लिए भटक रहे हैँ। जहां उन्हें उपचार नहीं मिल रहा। और तो और उपचार के अभाव में लोगों की जाने जा रही है। कोटा के जेकेलोन अस्पताल में एक ही दिन में 5 नवजात शिशुओं की मौत के सीधे जिम्मेदारी हड़ताली डॉक्टर है। डॉक्टर्स को तो भगवान का दर्जा दिया हुआ है। जो अपनी आंखों के सामने रोगियों को मरता छोड़ जा रहा है।

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सचिव उमाशंकर नामा ने बताया कि कोटा शहर में 400 प्राइवेट डेयरियां है। वहीं संभाग में करीब 800-1000 प्राइवेट डेयरियां है। जिनके संचालकों को डेयरी फेडरेशन के फैसले से अवगत कराया जा रहा है। साथ ही गली मोहल्लों में दूध बेचने वाले दूधियों से भी मांग की जा रही है कि वे भी फैडरेशन के इस कार्य में पूरा सहयोग करें।

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इसलिए कर रहें हैं चिकित्सक हड़ताल

कोटा. सेवारत चिकित्सकों ने 33 सूत्री मांगों को लेकर चिकित्सक असहयोग आन्दोलन चला रखा है। जिसके चलते मरीजों को इलाज में परेशानी हो रही है।

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