
केंद्रीय सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कोटा में सरकारी एफएम चैनल का शुभारंभ भी किया
बात कोटा में भाजपा कार्यकर्ताओं की बैठक की है। केंद्रीय सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ इस बैठक में शामिल थे। वे केन्द्र सरकार की योजनाओं का बखान कर रहे थे और कार्यकर्ताओं से कह रहे थे कि इन बातों को जन-जन तक पहुंचाएं। इसी दौरान राठौड़ ने कार्यकर्ताओं से सीधा संवाद भी किया। कार्यकर्ताओं ने देश और सेना से जुड़े सवाल पूछे, जिनका मंत्री ने जवाब दिया।
एक कार्यकर्ता ने पूछा कि टीवी पर अश्लीलता बढ़ती जा रही है। परिवार के साथ घर पर टीवी तक नहीं देख पाते हैं। अश्लीलता परोसने पर सरकार कार्रवाई क्यों नहीं करती। इस पर राठौड़ पुख्ता जवाब नहीं दे सके। उन्होंने कहा कि इसके लिए व्यवस्था बनी हुई है। शिकायत करने पर कार्रवाई करते है।
नाली-पटान के सवाल मत पूछना
इससे पहले सांसद ओम बिरला ने कार्यकर्ताओं को स्पष्ट कह दिया था कि नगर निगम और नाली-पटान जैसे सवाल न पूछे। बिरला ने कहा कि राठौड़ निशाने लगाने में माहिर है। सेना में रहते हुए सटीक निशाने लगाकर देश को कई मेडल दिलाए और राजनीति में भी आते ही सटीक निशाना लगाया। पहली बार सांसद का चुनाव लड़ा और जीतकर मंत्री भी बन गए हैं। बैठक में विधायक संदीप शर्मा, हीरालाल नागर, चन्द्रकांता मेघवाल, शहर अध्यक्ष हेमंत विजय, महापौर महेश विजय, महामंत्री अरविंद सिसोदिया, जगदीश जिंदल आदि मौजूद थे।
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'पहरेदार पिया की' से परेशानी
मालूम हो, हाल ही में सोनी टीवी के शो 'पहरेदार पिया की' पर अश्लीलता परोसने का गंभीर आरोप लगा है और इस शो को लेकर जमकर विरोध भी हो रहा है। ऐसे में इस शो के विवादिन कंटेट को देखते हुए अब शो के समय में बदलावा किया गया है। प्रसारण सामग्री शिकायत परिषद (बीसीसीसी) ने सोनी चैनल को इस सीरियल के प्रसारण का समय बदलकर रात दस बजे करने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही बीसीसीसी ने इस शो के तहत यह डिस्क्लेमर देने को भी कहा है कि यह शो बाल विवाह को बढ़ावा नहीं देता है। बता दें कि यह सीरियल रतन नामक 9 साल के एक लड़के की दीया नामक 19 साल की एक लड़की से शादी पर केंद्रित है। सीरियल में दोनों को हनीमून पर जाने के दृश्य भी हैं। साथ ही ऐसे कई संवाद हैं जो परिवारों को असहज कर रहे हैं।
कंडोम के विज्ञापनों पर भी आपत्ति
टीवी पर कंडोम के कई विज्ञापनों के प्रसारण पर विवाद हो चुका है। मालूम हो छोटे परदे पर अश्लीलता के मसले पर शीर्ष अदालत में एक याचिका दायर हो चुकी है। इसकी सुनवाई के दौरान कोर्ट ने अफसोस जताया कि हिंसा और अश्लीलता को टेलीविजन चैनलों द्वारा महिमामंडित किया जा रहा है, जबकि ये लोगों को प्रभावित करने के दुनिया के शक्तिशाली साधन हैं।
Published on:
23 Aug 2017 01:04 am
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