
Mysteries Of 58 patients Death in hospitals of Kota
कोटा के सरकारी और निजी हॉस्पिटलों में 62 लोगों की डेंगू से मौत हो गई, लेकिन सरकार ने डेंगू से सिर्फ 4 लोगों की मौत होने की बात स्वीकारी। बाकी 58 लोगों की मौत इस बीमारी की वजह से होने से इनकार कर दिया। जब इलाज करने वाले डॉक्टरों ने सरकार के फैसले का विरोध किया तो स्वास्थ्य मंत्री कालीचरण सराफ ने जांच समिति गठित कर दी। जिसे 8 दिन में मौत की वजह पता कर सरकार को बतानी थी, लेकिन 20 दिन गुजरने के बाद भी समिति जांच पूरी नहीं कर सकी। पता करने पर जानकारी मिली कि पूरी जांच समिति ही बीमार पड़ी हुई है। ऐसे में मौत की असल वजह को लेकर रहस्य गहराने लगा है।
मौत के दस्तावेज तक नहीं जुटा सकी समिति
डेंगू से हो रही मौतों को लेकर मचे बवाल के बाद 2 नवम्बर को चिकित्सा मंत्री कालीचरण सराफ कोटा आए थे। तब मेडिकल कॉलेज सभागार में अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों की बैठक में विधायकों ने डेंगू से हुई मौतों पर गंभीर सवाल उठाए। उस दिन मंत्री को सौंपी रिपोर्ट में अफसरों ने डेंगू से मात्र चार मौतों की जानकारी दी थी। विधायकों के विरोध के बाद मंत्री ने कहा था कि पांच सदस्यीय जांच कमेटी सात दिन में इस बारे में रिपोर्ट देगी। अब बीस दिन बीत चुके हैं और हालत यह है कि अब तक मृतकों के दस्तावेज भी कमेटी ने नहीं जुटाए हैं। कमेटी को मौतों के बारे में क्षेत्रीय विधायकों से भी संपर्क करना था, वह भी नहीं हुआ है।
विधायक ने बताई 165 से ज्यादा मौतें
मंत्री की बैठक में सभी भाजपा विधायकों ने बेहद तल्ख अंदाज में अफसरों पर निशाना साधा था। विधायक राजावत ने तो कहा था कि जो आंकड़े सामने आ रहे हैैं, वे कम है। डेंगू व अन्य बीमारियों से हाड़ौती में ही 165 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। 25 अक्टूबर को कोटा के विधायकों ने विधानसभा में भी यह मुद्दा उठाया था। तब मंत्री सराफ ने पटल पर कहा था कि कोटा में डेंगू से सिर्फ तीन मौतें हुई है और इसके लिए किसी को घबराने की आवश्यकता नहीं है।
ये हैं कमेटी में
कोटा में डेंगू व अन्य मौसमी बीमारियों के कारण अब तक हुई 97 मौतों में से 58 के रहस्य से पर्दा नहीं उठ पाया है। सरकार ने इन मौतों में से सिर्फ चार का कारण डेंगू को, 25 का स्वाइन फ्लू को और 10 का स्क्रबटायफस को माना है। बाकी की रहस्य बनी 58 मौतों की वजह तलाशने के लिए स्वास्थ्य मंत्री ने निगम आयुक्त डॉ. विक्रम जिंदल की अध्यक्षता में गठित कमेटी में डॉ. आरके लवानिया, डॉ. मनोज सलूजा, डॉ. एसके गोयल शामिल हैं।
ये जांच कब खत्म होगी
सीएमएचओ डॉ. आरके लवानिया ने कहा कि अस्पतालों से मृतकों के दस्तावेज लिए जा रहे हैं। निगम में भी रजिस्टर को देख रहे हैं। जांच में अभी समय लगेगा। वहीं विधायक भवानी सिंह राजावत ने स्वास्थ्य मंत्री कालीचरण सराफ पर आरोप लगाते हुए कहा कि मंत्री ने आफत टालने के लिए मौतों की जांच कमेटी बना केवल औपचारिकता पूरी की। जो जांच कमेटी में हैं, वे खुद ही मौतों के लिए जिम्मेदार हैं। मंत्री को बहाने बनाने के बजाए जिम्मेदारों पर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।
जारी है मौत का सिलसिला
पिछले दो दिनों में डेंगू के 60 रोगी सामने आए थे। जिनमें से एक रंगतालाब निवासी अल्लाहरखी (80) की मौत हो गई थी। वहीं कई मरीजों की हालत बेहद गंभीर है। मौसम बदलने और सर्दी बढ़ने के बाद भी डेंगू का प्रकोप कम होने का नाम नहीं ले रहा है। जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ने लगी है।
Published on:
22 Nov 2017 12:24 pm
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