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साकार हुई लोक संस्कृति के वैभवशाली अतीत की यादें

राजसी वैभव एवं राजस्थानी लोक संस्कृति के वैभवशाली अतीत की यादें बुधवार को यहां न्हाण खाड़ा अखाड़ा चौबे पाड़ा की बारह भाले की सवारी में साकार हो उठी

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साकार हुई लोक संस्कृति के वैभवशाली अतीत की यादें

साकार हुई लोक संस्कृति के वैभवशाली अतीत की यादें

सांगोद (कोटा). राजसी वैभव एवं राजस्थानी लोक संस्कृति के वैभवशाली अतीत की यादें बुधवार को यहां न्हाण खाड़ा अखाड़ा चौबे पाड़ा की बारह भाले की सवारी में साकार हो उठी। सजे धजे अश्वों पर सवार राजसी परिधान पहने अमीर उमरावों के साथ स्वांगों की अठखेलियों ने लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। बारह भाले की सवारी देखने लोगों की भारी भीड़ उमड़ी। इससे पूर्व स्वांग लाने का सिलसिला सुबह से ही शुरू हो गया। बच्चों एवं युवाओं की टोलियां स्वांग धरकर बाजारों में लोगों का मनोरंजन करते नजर आए। देर शाम पांच बजे दाऊजी मंदिर से शुरू हुई बारह भाले की सवारी होली का चौक, जामा मस्जिद, पुराना बाजार होते हुए खाड़ा परिसर पहुंची। जहां मां ब्रह्माणी की पूजा अर्चना के साथ सवारी का समापन हुआ। वहीं मार्ग पर स्थित मकानों एवं दुकानों की छतें लोगों से ठसाठस भरी रही। सवारी मार्ग पर भी भीड़ के चलते स्वांगों को आयोजन में खासी मशक्कत हुई। सवारी शुरू होने के कई घंटों पहले ही लोग न्हाण देखने पहुंच गए थे। कईं लोगों को बैठने की जगह नहीं मिलने से घंटों तक खड़े रहकर आयोजन का लुत्फ उठाना पड़ा।

शहीद दिवस पर नजर आई देशभक्ति : सवारी में परम्परागत स्वांगों के साथ देशभक्ति स्वांगों ने शहीद दिवस पर भारत माता की आजादी में शहीद हुए वीर शहीदों की याद दिला दी। सवारी में भीड़ हटाने के लिए कोडे बरसाने वाले स्वांग अधिक रहे। लुहार परिवार के साथ फकीर, लेला-मजनू, सेठ-सेठानी, जैसे परम्परागत स्वांगों के साथ डीजल में सने युवाओं को कोडे मारते स्वांग अधिक रहे। सवारी में भारत माता की झांकी के साथ ही शहीद भगत ङ्क्षसह, सुखदेव व राजगुरू की फांसी के जीवंत स्वांग को लोगों ने खुब सराहा। अश्वों पर सवार नन्हें अमीर उमरावों ने सवारी की शोभा में चार चांद लगा दिए। स्थानीय युवकों ने स्वांग के जरिए अवैध मादक पदार्थ एवं सट्टे को लेकर भी पुलिस के रवैये पर कटाक्ष किया।

बादशाह की सवारी आज : लोकोत्सव में गुरुवार को बादशाह की सवारी के साथ न्हाण लोकोत्सव का समापन होगा। बादशाह की सवारी देर शाम पांच बजे बपावर रोड स्थित गायत्री चौराहा से शुरू होगी जो गांधी चौराहा, तहसील रोड, पुराना बाजार, गढ़ चौक होते हुए खाड़ा स्थल पहुंचेगी। यहां स्थानीय कलाकारों की ओर से बादशाह के समक्ष एक से बढ़कर एक हैरतअंगेज करतबों का प्रदर्शन होगा।