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अब AI करवाएगा युवाओं को यूपीएससी की तैयारी, सिर्फ 7 मिनट में सॉल्व किया UPSC Prelims 2024 का पेपर

UPSC Exam Prep AI Tool: पढ़ाई के सीईओ डॉ. कार्तिकेय मंगलम ने प्रभात तारा स्कूल और डीएवी स्कूल, बखरी से प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त की। इसके बाद कोटा कोचिंग में पढ़कर आईआईटी कानपुर से स्नातक की डिग्री हासिल की।

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कोटा

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Akshita Deora

Jun 19, 2024

एआई ऐप 'पढाई' को बनाने वाले आईआईटियंस की टीम

PadhAI: अब एआई के जरिए युवा यूपीएससी की तैयारी कर सकेंगे। इसके लिए कोटा कोचिंग में पढ़कर आईआईटी कर चुके युवाओं ने एआई टूल ‘पढ़ाई’ ( PadhAI) तैयार किया है। इस ऐप ने हाल ही में 16 जून को आयोजित यूपीएससी 2024 प्री को लाइव क्रैक कर अपना लोहा मनवाया है। महज 7 मिनट में पेपर सॉल्व करते हुए कुल 200 में से 170 से अधिक अंक हासिल किए। जबकि यूपीएससी में हमेशा कटऑफ 100 अंक के आसपास ही रहती है। इस टूल में बुकचैट, न्यूज समरीज, डिस्कस क्वेश्चंस व डाउट क्लियरिंग जैसे फीचर दिए गए हैं।

दो साल तक कोटा में रहकर आईआईटी की तैयारी कर चुके पढ़ाई के सीईओ डॉ. कार्तिकेय मंगलम मुजफ्फरपुर (बिहार) निवासी है। उन्होंने बताया कि पढ़ाई ऐप से यूपीएससी प्री का पेपर साॅल्व करवाने के लाइव कार्यक्रम का उद्देश्य यह प्रदर्शित करना था कि यह ऐप न केवल 24 घंटे 365 दिन उपलब्ध रहने वाला एक सहायक शिक्षक है, बल्कि सबसे चतुर यूपीएससी उम्मीदवार भी है। यह इतना कुशल है कि स्वतंत्र रूप से परीक्षा दे सकता है और शीर्ष अंक प्राप्त कर सकता है। यह पहला ऐसा आयोजन था जिसमें एक एआई उपकरण की वास्तविक परीक्षा लेने और उसमें उत्तीर्ण होने की क्षमता को सार्वजनिक स्तर पर लाइव प्रदर्शित किया गया।

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एआई में पीएचडी कर चुके हैं कार्तिकेय

पढ़ाई के सीईओ डॉ. कार्तिकेय मंगलम ने प्रभात तारा स्कूल और डीएवी स्कूल, बखरी से प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त की। इसके बाद कोटा कोचिंग में पढ़कर आईआईटी कानपुर से स्नातक की डिग्री हासिल की। उन्होंने यूसी बर्कले से एआई में पीएचडी की। जहां उन्हें दुनिया के शीर्ष 10 एआई शोधकर्ताओं में से एक प्रोफेसर जितेंद्र मलिक ने गाइड किया। मलिक की देखरेख में उन्होंने पीएचडी पूरी की। वे मेटा एआई और गूगल एआई में विजिटिंग रिसर्चर भी रह चुके हैं।

यूपीएससी की तैयारी में क्रांतिकारी बदलाव लाएगा एआई

पढ़ाई की संस्थापक टीम में कार्तिकेय के अलावा यूसी बर्कले, स्टैनफोर्ड, ईपीएफएल, आईआईटी बॉम्बे और आईआईटी कानपुर जैसे उच्च शिक्षा संस्थानों के युवा शामिल हैं। ये सभी एआई, एंड्रॉइड इंजीनियरिंग, उत्पाद और विकास पर काम कर रहे हैं। कार्तिकेय का कहना है कि यह ऐप यूपीएससी की तैयारी में क्रांतिकारी बदलाव लाएगा। उनका कहना है कि पेपर को एआई से लाइव हल करने का यह आयोजन अपनी तरह का पहला आयोजन है। लेकिन कुछ वर्षों में ऐसे आयोजन आम हो जाएंगे। क्योंकि कई शैक्षणिक संस्थान एआई के साथ जल्दी और सटीक तरीके से पेपर हल करने की होड़ में लगे हुए हैं।