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कोटा की जनता सहयोग को तैयार, लेकिन दोनों निगम निभाएं दोगुनी जिम्मेदारी

अभियान : स्वच्छ बने हमारा कोटा स्वच्छता सर्वेक्षण में छलांग लगाने के लिए सामूहिक प्रयास करने होंगे

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कोटा की जनता सहयोग को तैयार, लेकिन दोनों निगम निभाएं दोगुनी जिम्मेदारी

कोटा की जनता सहयोग को तैयार, लेकिन दोनों निगम निभाएं दोगुनी जिम्मेदारी

कोटा.

स्मार्ट सिटी कोटा असल में स्मार्ट तब ही माना जाएगा, जब यहां हकीकत में स्वच्छता का माहौल बनेगा। जनता की भागीदारी के बिना कोई भी व्यवस्था या अभियान सफल नहीं हो सकता। कोटा के जागरूक लोग चाहते हैं कि कोटा स्वच्छ बने और प्रदूषण रहित वातावरण में हर कोई सुकून की सांस लें।

राजस्थान पत्रिका ने सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफार्म पर सर्वे कर आमजन की राय जानी। लोगों ने कहा कि वे प्रशासन को सहयोग देने को तैयार हैं, लेकिन दोनों नगर निगमों को दोगुनी जिम्मेदारी के साथ काम करना होगा। तब ही कोटा स्वच्छता सर्वेक्षण की दौड़में ऊंची छलांग लगा पाएगा।

पत्रिका के 2 सवालों पर जनता ने यह दिए सुझाव-

जिन्हें शहर की स्वच्छता और खुद के स्वास्थ्य की चिंता नहीं है। ऐसे लोग ही गंदगी के लिए जिम्मेदार हैं।
-प्रतिभा दीक्षित

गंदगी के लिए सभी सामूहिक रूप से जिम्मेदार हैं, इसलिए स्वच्छता की जिम्मेदारी भी सभी को उठानी होगी।
-सुनील पालीवाल

कोटा शहर में इस समय चारों ओर कचरा ही कचरा दिखता है। इसलिए सफाई कार्य रोज करने की जरूरत है।
-बीना शर्मा

लोगों ने पशु पाल रखे हैं और दूध निकालने के बाद उन्हें खुला छोड़ देते हैं। वे गंदगी फैलाते हैं। इस पर सख्ती हो।

-अनिल केशव
इन्दौर व चंडीगढ़ शहर से प्रेरणा लेनी चाहिए। जनता सहयोग करे तो स्थानीय निकाय सफाई प्राथमिकता में रखेंगे।

-सुनीता काबरा
युवा वर्ग को लेकर स्वच्छता अभियान चलाना चाहिए। अभियान तब तक चले, जब तक कोटा नम्बर-1 न हो जाए।

-राकेश भारती
हर नागरिक दृढ़ निश्चय कर लें कि मैं गंदगी नहीं फैलाउंगा तो शहर अपने-आप ही स्वच्छ व सुन्दर दिखने लगेगा।

-रश्मि शर्मा
वार्ड साफ-सुथरा नहीं हो तो संबंधित वार्ड पार्षद जिम्मेदार है। पार्षद को वार्ड की सफाई की निगरानी रखनी चाहिए।

-अशोक नागर
निर्धारित स्थान पर कचरा डाले और पॉलीथिन का प्रयोग बंद कर दें। तभी स्वच्छता का अभियान सफल हो सकता है।

-मनोज जैन
शहर को स्वच्छ बनाने में जनता सहयोग दे सकती है, लेकिन प्रशासन की सख्ती के बिना सफलता नहीं।

-राजेश गुप्ता

इन्होंने भी दिए सुझाव-
एडवोकेट विवेक नंदवाना, शिवशंकर, एडवोकेट डी.के. जोशी, शेखर अग्रवाल, प्रेमसिंह चंद्रावत, प्रदीप सिंह अड़सेला, नवीन सक्सेना, स्वाति ओझा, आयुष मलिक, नितिन जांगिड़, दिलीप पोटर, अंकित प्रजापति, तुलसीदास नाथानी, बृज मालव, बृजेश विजयवर्गीय, गोविन्द चतुर्वेदी, रोहित अग्रवाल, रविन्द्र सुवालका, इरशाद अली, मुराद अली, अंशुल जैन, आजाद मीणा, रूप नारायण यादव, विनोद काबरा सहित अन्य।

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