
कोटा. रक्षाबंधन से पहले डेंगू से प्यार के अटूट बंधन की डोर टूट गई। शहर में मंगलवार को एक फ्वाइवुड व्यवसायी व बालक की डेंगू से उपचार के दौरान मौत हो गई। इससे रक्षाबंधन से पहले परिवार में दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। दोनों घरों के चिराग थे। कोटा में डेंगू ने भयावह रूप ले लिया है। डेंगू से एक सप्ताह में अब तक चार लोगों की मौत हो चुकी है। डेंगू को लेकर अब आमजन को सतर्क रहने की जरूरत है।
फ्वाइवुड व्यवसायी की डेंगू एन्सेफलाइटिस से मौत
इन्द्र विहार निवासी फ्वाइवुड व्यवसायी चिराग बिनानी (30) की डेंगू एन्सेफलाइटिस से उपचार के दौरान मौत हो गई। चिराग को 23 अगस्त को तेज बुखार आया था। दो दिन घर पर इलाज लिया। बुखार 108 डिग्री तक पहुंच गया था। परिजनों ने उसे 25 अगस्त को तलवंडी के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। न्यूरो सर्जन डॉ. मामराज अग्रवाल ने बताया कि चिराग की डेंगू की जांच करवाई गई। जिसमें डेंगू एन्सेफलाइटिस आया। बुखार दिमाग पर चढ़ गया। प्लेटलेट्स डाउन हो गई। वह कोमा में चला गया। उसके बाद वह कोमा से बाहर नहीं निकल पाया। देर रात करीब 2 बजे उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। चिराग के चचेरे भाई कमल बिनानी ने बताया कि चिराग की पिछले साल अक्टूबर में शादी हुई थी। परिवार में एक एकलौता था, उसकी एक बड़ी बहन है।
डेंगू शॉक से 12 साल के बालक की मौत
शहर में डेंगू शॉक से 12 साल के एक बालक की भी मंगलवार को एक निजी अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हुई है। बालक को दो-तीन पहले बुखार आया था, तबीयत ठीक नहीं होने पर सुबह 7 बजे करीब अस्पताल में भर्ती कराया गया। डॉ. अशोक शारदा ने बताया कि केशवपुरा क्षेत्र निवासी मोबाइल व्यवसायी पारस वर्मा के पुत्र वेदांत वर्मा को सुबह अस्पताल लेकर आए थे। यहां उसे भर्ती किया। उस बुखार था। डेंगू टेस्ट करवाया गया। प्लेटलेट्स डाउन होने पर एसडीपी की डिमांड की गई। एसडीपी के लिए तैयारी की जा रही थी, तभी दोपहर तीन बजे उसकी मौत हो गई। उसकी डेंगू शॉक से पेट में पानी भरने से मौत हुई है। पारस वर्मा कांग्रेस पर्यावरण प्रकोष्ठ के अध्यक्ष भी है। वेदांत की बड़ी बहन है।
Published on:
29 Aug 2023 09:05 pm
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