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आतंकवादियों द्वारा प्लेन हाईजैक की सूचना से मचा हडकम्प, सुरक्षा एजेंसियां पहुंची हवाई अड्डा

कोटा. जयपुर से इंदौर जा रहे प्लेन को दो आतंकवादियों ने हाईजैक कर लिया।

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कोटा

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abhishek jain

Nov 30, 2017

Plain Hijack Anti Mock drill in Kota

कोटा .

जयपुर से इंदौर जा रहे प्लेन को दो आतंकवादियों ने हाईजैक कर लिया है। उसमें 6 यात्री सवार हैं। लेकिन फ्यूल भरने के लिए वे कोटा में उतरने की अनुमति चाह रहे हैं। जैसे ही पायलट से मिली यह सूचना हवाई अड्डा अधिकारी ने गुरुवार सुबह सुरक्षा एजेंसियों को दी वैसे ही उनमें हडकम्च मच गया। एक के बाद एक सभी एजेंसियों के अधिकारी मात्र दस मिनट के भीतर हवाई अड्डा पहुंच गए। वहां करीब एक घंटे से अधिक समय तक पूरा घटनाक्रम चला। बाद में पता चला कि सुरक्षा की दृष्टि से यह एंटी हाईजैकिंग मोकड्रिल की गई तब जाकर सभी ने राहत की सांस ली।

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हवाई अड्डा अधिकारी लोकेश निर्वाण ने बताया कि साल में एक बार सुरक्षा के लिहाज से इस तरह की मोकड्रिल की जाती है। प्लेन हाईजेैक की योजना बनाई गई। जिसमें जयपुर से इंदौर जाने वाले प्लेन मॉक एसएआई 131 को दो आतंकवादियों द्वारा हाईजैक करने की जानकारी पायलट ने दी। प्लेन में 6 सवारियां होना बताकर उसने कोटा में फ्यूल भरने की अनुमति मांगी। उसे अनुमति दी गई। प्लेननुमा वाहन को हवाई पट्टी पर खड़ा किया गया। यह सूचना एयरपोर्ट कमेटी के अध्यक्ष जिला कलक्टर को दी गई।

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उन्होंने अपने प्रतिनिधि एसडीएम मोहनलाल प्रतिहार को भेजा। इसी बीच उन्होंने शहर की सभी सुरक्षा एजेंसियों एटीएस, क्विक रेस्पोंस टीम, डॉग स्क्वयार्ड, सीआईडी इंटेलीजेंस, बम विरोध दस्ते, शहर पुलिस अधीक्षक, आरएसी, अग्निशमन विभाग व एम्बूलेंस को सूचना दी गई। करीब दस से 15 मिनट के भीतर एक के बाद एक सभी एजेंसियों के अधिकारी व प्रतिनिधि हवाई अड्डा पहुंच गए थे। वहांं अधिकारियों ने आतंकवादियों से बातचीत की। इसमें उन्होंने जेल में बंद अपने साथी को छोडऩे और सौ करोड़ रुपए की मांग रखी। मांग परी नहीं होने पर सभी यात्रियोंं को जान से मारने की धमकी दी। इस पर अधिाकािरयों ने उन्हें आश्वासन दिया और बातों में उफझाकर रखा। तभी टरक में फ्लयूल भेजने के बहाने से उसमे सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारी पहुंचे और दोनों आतंकवादियों को मारकर ढेर कर दिया और सभी यात्रियों को सुरक्षित बचा लिया।

अधिकारी लोकेश निर्वाण ने बताया कि इस मोकड्रिल में उनका ही स्टाफ था। सुरक्षा एज़ेंसयों में से कुछ को छोड़कर अधिकतर को मोकड्रिल की जानकारी नहीं थी। लेकिन बाद में जब पता चता तो सभी ने राहत की सांस ली। मोकड्रिल पूरी से सफल रही।