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कहीं चर्म रोगी न बना दे गाजर घास

शरीर को चुस्त-तंदुरूस्त एवं स्वस्थ रखने की मंशा से यहां राजकीय भीम सह स्टेडियम में टहलने आने वाले लोगों को यहां उगी गाजर घास बीमारियों का न्यौता दे रही हैं। पूरा स्टेडियम परिसर गाजर घास से अटा हुआ है। ऐसे में यहां आने वाले खिलाडिय़ों को गाजर घास के बीच ही खेलना पड़ रहा हैं।

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कहीं चर्म रोगी न बना दे गाजर घास

कहीं चर्म रोगी न बना दे गाजर घास

सांगोद (कोटा). शरीर को चुस्त-तंदुरूस्त एवं स्वस्थ रखने की मंशा से यहां राजकीय भीम सह स्टेडियम में टहलने आने वाले लोगों को यहां उगी गाजर घास बीमारियों का न्यौता दे रही हैं। पूरा स्टेडियम परिसर गाजर घास से अटा हुआ है। ऐसे में यहां आने वाले खिलाडिय़ों को गाजर घास के बीच ही खेलना पड़ रहा हैं।

गाजर घास चर्म रोगों का एक बड़ा कारण बनती है। ऐसे में यहां टहलने आने वाले लोगों के साथ खिलाडिय़ों पर भी चर्मरोग का खतरा मंडरा रहा है। पालिका प्रशासन गाजर घास की कटाई एवं स्टेडियम की सफाई की सुध नहीं ले रहा। उल्लेखनीय है कि यहां स्टेडियम में टहलने एवं दौड़ की सुविधा को लेकर नगर पालिका ने स्टेडियम की परिधि में वाङ्क्षकग पथ बना रखा है। लेकिन इस पथ और स्टेडियम की चारदीवारी के बीच खाली पड़ी भूमि गाजर घास से अटी हुई है।

स्टेडियम में जहां बच्चे व युवा खेलते हैं वहां भी गाजर घास का साम्राज्य है। जो चर्मरोग का शिकार हो सकते है। एबीवीपी नेता गोङ्क्षवद पायवाल ने बताया कि पालिका की अनदेखी से स्टेडियम दुर्दशा का शिकार होने लगा है। दीवार टूट रही है तो पूरा परिसर गाजर घास से अटा हुआ है।

होती है बीमारियां : चर्मरोग विशेषज्ञों की माने तो गाजर घास कई गंभीर बीमारियों का कारण बनती है। इसे छूने या लगातार इसके संपर्क में रहने से चर्म रोग एवं व्यक्ति में अस्थमा एवं श्वास रोग बढऩे का खतरा रहता है। लगातार संपर्क में रहने से शुरूआत में त्वचा पर खुजली, सूजन व जलन होती है। बाद में त्वचा मोटी व काली हो जाती है। इसे कांटेक्ट डर्मेटाइटिस कहते है। गंभीर अवस्था में त्वचा में पानी भरने लगता है और शरीर पर फोड़े बनकर मवाद रिसने लगती है।