
राजस्थान की भयावह स्थिति: प्रदेश में बैन के बावजूद 700 टन प्लास्टिक वेस्ट रोजाना हो रहा है जेनरेट
कोटा . बॉम्बे हाइकोर्ट ने तीन दिन पहले महाराष्ट्र में प्लास्टिक को पूरी तरह बैन करने के आदेश दिए हैं। इससे पर्यावरण प्रेमियों में नई उम्मीद दौड़ी है। हालांकि राजस्थान सहित 17 राज्यों में प्लास्टिक पहले से बैन है, लेकिन पूरी तरह नहीं। केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण मंडल (सीपीसीबी) की रिपोर्ट के अनुसार राजस्थान में प्रतिबंध के बावजूद प्रतिदिन 700 टन से ज्यादा प्लास्टिक वेस्ट जनरेट हो रहा है।
पूरे देश में यह आंकड़ा 15000 टन प्रतिदिन है। कोटा में नगर निगम की उदासीनता के कारण प्लास्टिक कैरी बैग का धड़ल्ले से उपयोग हो रहा है। महाराष्ट्र में बॉम्बे हाइकोर्ट ने प्लास्टिक कैरीबैग के साथ एक बार उपयोग होने वाली प्लास्टिक सामग्री पर भी प्रतिबंध लगा दिया है। ऐसा अब तक अन्य राज्यों में नहीं है।
महापौर ने कुर्सी संभालते ही कोटा को पॉलीथिन फ्री सिटी बनाने की घोषणा की थी। इसके बाद निगम ने विभिन्न व्यापार संघों के साथ प्लास्टिक बैरी बैग का उपयोग नहीं करने तथा दुकानों पर कपड़े के बैग रखने को प्रोत्साहित किया था।
तत्कालीन जिला कलक्टर रविकुमार सुरपुर ने जिला प्रशासन और निगम की संयुक्त टीम का गठन किया था, जो बाहर से आने वाली पॉलीथिन पर छापामारी करती थी। स्टेशन पर ही दो हजार किलो से अधिक पॉलीथिन जब्त भी हुई थी। लेकिन, पिछले एक साल से कार्रवाई न के बराबर हुई है। छह माह में केवल तीन कार्रवाई हुई।
महाराष्ट्र : इन पर प्रतिबंध
प्लास्टिक से बने हैंडल, बिना हैंडल की थैलियांयूज एंड थ्रो प्लास्टिक थाली, कटोरी, गिलास, कांटे, छुरी, चम्मच, बर्तन, डिब्बे होटल-रेस्तरां और सभी किस्म के फूड स्टॉल में पार्सल देने के बर्तन नॉन ओवन पॉलीप्रॉपिलीन बैग
चाय आदि ले जाने के पाउच व कप थर्माकोल से बनी वस्तुएं संलिप्तता पर
कितना जुर्माना प्रतिबंधित उत्पाद बेचने या इस्तेमाल करते पाए जाने पर पहली बार 5 हजार, दूसरी बार 10 और तीसरी बार 3 महीने की जेल व 25 हजार रुपए जुर्माने का प्रावधान है।
राजस्थान : कतरा रही सरकार
राजस्थान में सरकार ने जुर्माना राशि बढ़ाकर 10 गुना करने का ड्राफ्ट तो बना लिया लेकिन इसे लागू करने से हिचक रही है। इस अध्यादेश ड्राफ्ट में जहां पॉलीथिन मिलेगी, उस सम्पत्ति को सील करने, प्लास्टिक कप, प्लेट गिलास के उपयोग को भी प्रतिबंधित करना, न्यूनतम जुर्माना राशि 1 हजार और अधिकतम 10 हजार रुपए प्रस्तावित है।
अभी यह प्रावधान
राजस्थान नगर पालिका एक्ट 2009 की धारा 258 में पॉलीथिन प्रतिबंधित है। उपयोग पर 100 रुपए से 1 हजार रुपए तक जुर्माने व कारावास का प्रावधान है।
राजेश डागानगर निगम के उपायुक्त ने कहा की पॉलीथिन बेचने वालों के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है, पिछले सप्ताह ही तीन-चार जगह व्यापारियों के यहां छापेमार कर पॉलीथिन जब्त की थी।
अशोक सिंह, स्वायत्त शासन विभाग के विधि परामर्शी ने कहा की पत्रावली विधि विभाग को प्रारूप अनुमोदन के लिए भेजी गई थी। अभी मार्गदर्शन नहीं मिला है। मुहर लगते ही अध्यादेश लागू कर दिया जाएगा।
Published on:
27 Jun 2018 04:24 pm
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