
Rail Safety Derailed in Kota Railway division
रेल मंत्रालय से लेकर रेलवे सेफ्टी कमिश्नर तक पैसेंजर ट्रेनों में सुरक्षा के इंतजाम चाक-चौबंद होने के दावे करते नहीं थकते, लेकिन हकीकत बेहद भयावह है। एक बार लोकल पैसेंजर ट्रेन में चढ़ गए तो आपका भगवान ही मालिक है। न तो कोई आपकी टिकट देखने आएगा और न कोई आपकी सुरक्षा जांचने। इसके साथ ही शुरू हो जाती है धूम्रपान, गंदे कोच और समाज कंटकों का आतंक झेलने की मजबूरी। लोकल पैसेंजर ट्रेनों में न तो आरपीएफ की गश्त होती है और न ही चैकिंग स्टाफ दस्तक देता है। ये ट्रेनें हजारों यात्रियों को अपने मुकाम तक तो पहुंचा रही हैं लेकिन, खुद की हिफाजत का सारा दारोमदार स्वयं यात्रियों पर ही है।
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पुलिस पूछती है - रिपोर्ट से क्या होगा!
पैसेंजर ट्रेन में सामान चोरी हो जाए तो पुलिस का रवैया कैसा रहता है, जरा इसकी भी बानगी देखें। हल्दीघाटी पैसेंजर में यात्रा के दौरान 'पत्रिका टीम' ने सवाईमाधोपुर रेलवे स्टेशन पर एक छोटा सा बैग चोरी होना बताया तो पुलिस वालों ने पूछा उसमें क्या था? जब टीम ने बताया कि एक जोड़ी कपडे़, चादर व 200 रुपए थे, तो पुलिस वालों ने टाल दिया, बोले, 'रिपोर्ट दर्ज कराने से क्या होगा। कोई ज्यादा नुकसान तो हुआ नहीं। फिजूल में परेशान होंगे।'
चार ट्रेनों की लाइव रिपोर्ट
लगातार बदहाली की शिकायतों को जांचने के लिए 'पत्रिका टीम' ने 7 से 27 नवंबर तक लगातार कोटा मंडल से गुजरने वाली 46 पैसेंजर ट्रेनों की निगरानी की। इस दौरान पत्रिका ने मुसाफिरों की पीड़ा को जाना और एक दर्जन पैसेंजर ट्रेनों में सफर किया। चार ट्रेनों का सफरनामा स्पेशलप न्यूज पैकेज के जरिए आपको आगे पढ़ने को मिलेगा। रिपोर्टर ने हल्दीघाटी पैसेंजर में कोटा से सवाईमाधोपुर, कोटा-बीना पैसेंजर में कोटा से बारां, कोटा-वडोदरा पैसेंजर में कोटा से रामगंजमंडी और रतलाम-मथुरा पैसेंजर में रामगंजमंडी से कोटा तक सफर किया तो एेसे दृश्य सामने आए जो उपेक्षा की कहानी कर रहे थे।
फिर मिला दिलासा
लोक पैसेंजर ट्रेनों में बदहाल सुरक्षा और सफाई व्यवस्था की पोल खोलती रिपोर्ट से जब रेलवे अफसरों को अवगत कराया गया तो जवाब में वही पुराना दिलासा मिला कि आपकी दी गई जानकारी से संबंधित विभाग को अवगत करा दिया जाएगा और वह इस समस्या का जल्द से जल्द समाधान कर देंगे। ऐसा नहीं है कि रेलवे के अफसर इन समस्याओं के बारे में जानते नहीं है, लेकिन इतना जरूर है कि इनकी पब्लिक ऑडिट पहली बार जरूर हुई है। कोटा रेल मंडल के सीनियर डीसीएम विजय प्रकाश ने आश्वासन दिया कि जहां कहीं भी समस्याएं होंगी, उनमें सुधार किया जाएगा।
Updated on:
01 Dec 2017 01:04 pm
Published on:
01 Dec 2017 01:01 pm
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