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निजी ट्रेनों को रेलवे के चालक-गार्ड ही दौड़ाएंगे

ट्रेनों में न्यूनतम 16 कोच होंगे  

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निजी ट्रेनों को रेलवे के चालक-गार्ड ही दौड़ाएंगे

निजी ट्रेनों को रेलवे के चालक-गार्ड ही दौड़ाएंगे

कोटा. निजी भागीदारी से चलने वाली ट्रेनों को संचालित करने के लिए रेलवे के रनिंग कर्मचारी ही सेवाएं देंगे। अभी तक किसी भी निजी कंपनी के पास खुद के दक्ष लोको पायलट और गार्ड उपलब्ध नहीं हैं। इन ट्रेनों को भारतीय रेल के चालक और गार्ड ही संचालित करेंगे। निजी फर्म की ओर से ट्रेनों के परिचालन में समय पालन, विश्वसनीयता, ट्रेनों के रखरखाव आदि प्रदर्शन के प्रमुख संकेतकों का ध्यान रखना होगा।
रेल मंत्रालय ने 109 मूल गंतव्य (ओडी) जोड़ी रूट पर यात्री ट्रेन सेवाओं के परिचालन में निजी भागीदारी की प्रक्रिया शुरू की है। परियोजना में निजी क्षेत्र से लगभग 30 हजार करोड़ रुपए का निवेश होगा। यह भारतीय रेल नेटवर्क में यात्री ट्रेनों के परिचालन के लिए निजी निवेश की पहली पहल है। भारतीय रेल नेटवर्क के 12 क्लस्टरों में 109 ओडी जोड़ी रूट तैयार किए गए हैं। हर ट्रेन में न्यूनतम 16 कोच होंगे।अधिकांश ट्रेनों को भारत में ही बनाया गया है। इन ट्रेनों के वित्तपोषण, खरीद, परिचालन और रखरखाव के लिए निजी कंपनी जिम्मेदार होगी।

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इन ट्रेनों को अधिकतम 160 किमी प्रति घंटा गति के लिए डिजाइन किया जाएगा। इससे यात्रा में लगने वाले समय में खासी कमी आएगी। कोटा में मंडल में 180 किमी प्रति घंटे की रफ्तार तक ट्रायल हो चुका है। रेलवे एम्पलाइज यूनियन के महामंत्री मुकेश गालव ने बताया कि ट्रेड यूनियन निजीकरण का शुरू से ही विरोध कर रहे हैं। जब रेलकर्मियों को ही कार्य करना है तो वे सरकारी क्षेत्र को लाभ पहुंचाने के लिए कार्य करते आए हैं। रेलवे ने कई दशकों के परिश्रम से देशभर में आधारभूत संरचना तैयार की है। उसका उपयोग रेलहित में होना चाहिए। इसलिए निजीकरण नहीं हो इसके लिए आंदोलन किया जाएगा।