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15 लाख से अधिक लोगों को घर पहुंचा चुका रेलवे

रेल मंत्रालय ने हर जिला मुख्यालय तक श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाने की सहमति दी है। जरूरत के अनुसार जिला कलक्टर इसके लिए आवेदन कर सकते हैं।

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Elderly died due to train accident in khandwa

Elderly died due to train accident in khandwa

कोटा. रेलवे हर जिला मुख्यालय तक मिशन बैक होम के तहत रेलगाडिय़ों का संचालन करने के लिए तैयार है। रेल और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री देशभर के जिला कलक्टरों से फंसे हुए श्रमिकों और उनके गंतव्यों की सूची तैयार करने और उसे राज्य नोडल अधिकारी के माध्यम से रेलवे में आवेदन करने के लिए कह चुके हैं। भारतीय रेल एक दिन में लगभग 300 श्रमिक स्पेशल रेलगाडिय़ां चलाने में सक्षम है, लेकिन वर्तमान में इसका आधे से भी कम उपयोग किया जा रहा है।
पूर्ण क्षमता के साथ रेलमार्गों के परिचालन से देश भर में उन प्रवासियों को महत्वपूर्ण राहत प्रदान की जा सकेगी। जो अपने गृह राज्यों को वापस जाना चाहते हैं। भारतीय रेल जिलों की वास्तविक जरूरतों के अनुसार विशेष श्रमिक रेलगाडिय़ां चलाने के लिए भी तैयार है।

अब तक ट्रेनों से 15 लाख से अधिक प्रवासियों को पहले ही रेलवे द्वारा उनके गृह राज्यों तक पहुंचाया जा चुका है। लगभग 1150 श्रमिक स्पेशल रेलगाडिय़ों का परिचालन किया जा चुका है। भारतीय रेल प्रतिदिन लगभग दोगुने प्रवासियों को आसानी से परिवहन सुविधा प्रदान कर सकती है।
एक बार प्रत्येक जिले से अपने गृह राज्यों में वापस जाने के इच्छुक प्रवासियों की जानकारी उपलब्ध कराए जाने के बाद, भारतीय रेल रेलगाडिय़ों के संचालन में मदद के लिए आगे की कार्यवाही कर सकता है।

पिछले दिनों प्रति दिन 2 लाख से अधिक लोगों को ले जाया गया। आने वाले दिनों में, इसे प्रति दिन 3 लाख यात्रियों तक बढ़ाया जा सकता है मिशन बैक होम के तहत यात्रियों को मुफ्त भोजन और पानी दिया जा रहा है। यात्रियों को भेजने वाले और उन्‍हें अपने यहां लेने वाले राज्‍य की सहमति के बाद ही रेलवे द्वारा ट्रेनें चलाई जा रही हैं