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कोटा। रावतभाटा उपखण्ड में बीते 24 घंटों की बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया। नदियों और नालों के उफान ने दो जिंदगी छीन ली। कहीं टूटी पुलिया बनी बाधा तो कहीं बारिश के पानी में फंसी प्रसूता को नाव से अस्पताल पहुंचाना पड़ा।
झरझनी पंचायत के दीपपुरा गांव में 13 वर्षीय कौशल्या सोमवार सुबह बकरियां चराने गई थी। दोपहर 3 बजे तलाई में पैर फिसलने से गहरे पानी में जा गिरी। मौके पर पहुंचे ग्रामीणों ने एक घंटे की मशक्कत से 4 बजे बालिका का शव बाहर निकाला। पटवारी विनोद कुमार ने बताया कि घटना में बालिका की मौके पर ही मौत हो गई। प्रधान प्रतिनिधि कुशाल बारेशा ने प्रशासन को हादसे की सूचना दी।
लुहारिया पंचायत के हथौली गांव में बीमार महिला कन्या बाई की रविवार रात तबीयत बिगड़ गई। जिसे परिजन हॉस्पिटल ले जाने के लिए निकले। पानी के बीच से जैसे-तैसे ब्रह्मणी नदी की पुलिया तक पहुंचे। लेकिन तेज बहाव के कारण रास्ता बंद होने के कारण हॉस्पिटल नहीं पहुंच पाए। ऐसे में महिला ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया। सरपंच तुलसीराम ने बताया कि यह हादसा प्रशासनिक लापरवाही का नतीजा है।
भैंसरोडगढ़ पंचायत के आंबा गांव में बीमार शांति देवी को अस्पताल ले जाने के लिए ग्रामीणों ने खाट का सहारा लिया। रातभर पानी का बहाव तेज होने से रुकना पड़ा, सुबह जब पानी थोड़ा कम हुआ तो घुटनों तक पानी पार करते हुए महिला को रावतभाटा अस्पताल पहुंचाया गया। ग्रामीण रामेश्वर गुर्जर ने प्रशासन से मदद की गुहार लगाई। तहसीलदार विवेक गरसिया मौके पर पहुंचे।
धांगड़मऊ पंचायत के लाडपुरा खुर्द गांव में पीरुलाल भील की पत्नी प्रियंका रविवार शाम से प्रसव पीड़ा से परेशान थी। मगर गांव को जोड़ने वाली ब्रह्मणी नदी उफान पर थी। दूसरे दिन सोमवार शाम को हॉस्पिटल तक महिला को पहुंचाने के लिए एसडीआरएफ टीम का इंतजार किया जा रहा था। टीम के पहुंचने से पहले की महिला ने दो बच्चियों को जन्म दिया। मौके पर मौजूद महिलाओं ने ही सुरक्षित प्रसव कराया। इसके बाद एसडीआरएफ टीम के पहुंचने पर नाव की मदद से जज्जा-बच्चा को रावतभाटा हॉस्पिटल पहुंचाया गया।
Published on:
28 Jul 2025 08:22 pm
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