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Big Bank Fraud: अगर आपका खाता इन बैंकों में है तो सावधान! राजस्थान में मैनेजरों ने 100 से ज्यादा खातों से उड़ाए करोड़ों

Tonk Or Kota Bank Fraud News: एक तरफ कोटा में निजी बैंक की महिला मैनेजर ने 4.60 करोड़ रुपये ग्राहकों के खातों से गायब कर दिए, तो दूसरी ओर टोंक में एक प्रोसेसिंग ऑफिसर ने पत्नी और साले के नाम फर्जी लोन लेकर 96 लाख रुपये का गबन कर लिया।

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कोटा

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Jayant Sharma

Jun 05, 2025

टोंक और कोटा में अरेस्ट बैंक कार्मिक, फोटो - पत्रिका

Rajasthan Bank Fraud News: राजस्थान में बैंकिंग सेक्टर की साख पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है, जहां दो अलग-अलग जिलों से बैंक अधिकारियों की ओर से करोड़ों रुपये की ठगी के मामले सामने आए हैं। एक तरफ कोटा में निजी बैंक की महिला मैनेजर ने 4.60 करोड़ रुपये ग्राहकों के खातों से गायब कर दिए, तो दूसरी ओर टोंक में एक प्रोसेसिंग ऑफिसर ने पत्नी और साले के नाम फर्जी लोन लेकर 96 लाख रुपये का गबन कर लिया।

कोटा शहर के उद्योग नगर थाना क्षेत्र में स्थित एक निजी बैंक की रिलेशनशिप मैनेजर साक्षी गुप्ता ने 2020 से 2023 तक करीब 43 ग्राहकों के 100 से अधिक खातों से चोरी-छिपे पैसे निकाले। उसने ग्राहकों के मोबाइल नंबर तक बदल दिए ताकि ट्रांजेक्शन का पता न चल सके। ओटीपी और पिन की मदद से राशि को निकालकर शेयर बाजार में निवेश कर दिया, लेकिन ज्यादातर पैसा डूब गया। यह घोटाला तब सामने आया जब उसका ट्रांसफर हो गया और एक ग्राहक अपनी एफडी की जानकारी के लिए बैंक पहुंचा। बैंक ने तुरंत पुलिस में मामला दर्ज करवाया और अब साक्षी गुप्ता जेल में है।

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वहीं दूसरी घटना टोंक जिले की है, जहां एसबीआई बैंक के पूर्व प्रोसेसिंग ऑफिसर पुष्पेंद्र तोगड़ा ने अपनी पत्नी और साले के नाम पर फर्जी लोन अकाउंट खोलकर 96 लाख 50 हजार रुपये निकाल लिए। उसने बिना दस्तावेज और KYC के लोन जारी कराए और खुद ही पैसे ट्रांसफर कर ऑनलाइन निकाल लिए। हैरानी की बात यह है कि वह इस दौरान प्रमोशन लेकर भरनी ब्रांच में मैनेजर भी बन गया और वहां भी 73 लाख रुपये की हेराफेरी की कोशिश की। पुलिस ने पुष्पेंद्र को दो साल की फरारी के बाद प्रोडक्शन वारंट के जरिए गिरफ्तार किया। बैंक रिकॉर्ड और जांच रिपोर्ट के आधार पर खुलासा हुआ कि किस तरह बैंकिंग सिस्टम को गुमराह कर यह घोटाला किया गया।

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दोनों मामलों ने यह साबित कर दिया कि जब बैंक कर्मचारी ही भरोसा तोड़ दें, तो आम आदमी के पास अपने पैसे की सुरक्षा का भरोसा बचता ही नहीं। यह घटनाएं बैंकिंग सिस्टम में सख्त निगरानी और पारदर्शिता की आवश्यकता को उजागर करती हैं।