– बंद उद्योगों की बेशकीमती जमीनों का कोई उपयोग नहीं हो रहा।
– स्टोन पार्क बनाया जाना चाहिए। यदि स्टोन पार्क कोटा में खुलता है तो औद्योगिक विकास को बल मिल सकता है। पत्थर आधारित नए उद्योग लग सकते हैं।
कृषि आधारित उद्योग शुरू किए जाएं, ताकि किसानों को उनकी उपज का उचित दाम मिल सके।
– चम्बल के नहरी तंत्र को दुरुस्त करने के लिए बजट दिया जाए।
मल्टीपरपज में खेल संकुल बने। यूआईटी को विकास प्राधिकरण बनाने की आस।
– स्टोन पार्क बनाया जाना चाहिए। यदि स्टोन पार्क कोटा में खुलता है तो औद्योगिक विकास को बल मिल सकता है। पत्थर आधारित नए उद्योग लग सकते हैं।
कृषि आधारित उद्योग शुरू किए जाएं, ताकि किसानों को उनकी उपज का उचित दाम मिल सके।
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कोटा. विधानसभा में राजस्थान सरकार का आखिरी चुनावी बजट कुछ ही पलों में पेश होगा। आगामी चुनाव को देखते हुए यह बजट पूरी तरह चुनावी रंग में नजर आने की पूरी संभावना है। चुनावी साल के इस बजट में जनता से सीधे जुड़े चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग, बिजली, पानी, शिक्षा, सार्वजनिक निर्माण विभाग आदि विभागों में सरकार योजनाओं के लिए खजाना खोल सकती है। अपनी उपज का उचित मूल्य नहीं मिलने तथा फसल खराबे से नाराज किसानों को लुभाने की कोशिश की जा सकती है।
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जीएसटी के बाद व्यापारी व उद्यमी भी सरकार से खफा हैं। बजट में राहत दी जा सकती है। कोटा में अर्से से नया औद्योगिक क्षेत्र नहीं विकसित किया गया है। इस कारण नए निवेशक नहीं आ रहे। राज्य बजट में कोटा में नया औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने तथा स्टोन पार्क की घोषणा होने की संभावना है।
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बंद उद्योगों के पुनर्संचालन की घोषणा हो सकती है। कोटा शहर की बिगड़ी यातायात व्यवस्था को सुधारने के लिए ट्रांसर्पोटेशन सिस्टम लागू किया जा सकता है। इसमें एरोड्राम सर्किल पर फ्लाईओवर बनाने तथा दादाबाड़ी फ्लाईओवर को इसी साल पूरा करने की प्रतिबद्धता बजट में दर्शाई जा सकती है।