आईजी विशाल बंसल व एसपी अंशुमान भौमिया के निर्देशन में 20 से अधिक पुलिस टीमें पहले दिन से ही लुटेरों की तलाश में जुटी हैं। सभी थानों की पुलिस, तकनीकी व स्पेशल टीमें जानकारियां जुटाने में लगी हैं। पुलिस अधिकारियों के नेतृत्व में कुछ टीमें जयपुर समेत राज्य के अन्य जिलों और बिहार व मध्यप्रदेश तक गई हुई हैं। लुटेरों के कोटा संभाग में कहीं छिपे होने व शरण लेने को देखते हुए भी पुलिस टीमें लगी हुई हैं। पुलिस की एक टीम अपराधियों के सीसीटीवी कैमरे में कैद हुलिए के आधार पर उनके स्कैच तैयार करने में लगी है।
ये कर रही तकनीकी टीम
सीसीटीवी कैमरों की रिकॉर्डिंग व फुटेज खंगाल रही।
लुटेरों की शहर में रुकने की संभावना को देखते हुए जानकारी जुटाई जा रही।
होटल्स व धर्मशालाओं से जुटा रही रिकॉर्ड
हुलिए के आधार पर तैयार करवा रही स्कैच
लुटेरों के फोटोग्राफ देशभर में किए जारी
आईडी तक नहीं मांगी
सूत्रों के अनुसार लुटेरे जिस मकान में किराए से ठहरे थे। उस मकान के मालिक ने उन्हें कमरा किराए पर देने से पहले उनकी आईडी तक नहीं ली। लुटेरों ने जो मोबाइल नम्बर दिए थे वे भी गलत होने से बंद आ रहे हैं।
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नाकाबंदी में भी चूक
लूट के कुछ देर बाद ही पुलिस को वारदात का पता चल गया। बाइक नम्बर व उनकी पहचान होने के बाद पुलिस ने तुरंत नाकाबंदी करवाई। फिर भी लुटेरे शहर से बाहर निकल गए। जाहिर है, नाकाबंदी में चूक बड़ी चूक रही।