
डेढ़ साल में रिजल्ट का फार्मूला ही नहीं खोज सका आरटीयू !
कोटा. छह महीने पढ़ाई करने के बाद परीक्षा दिए हुए भी तीन महीने गुजर गए, लेकिन राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय (आरटीयू) बीटेक फर्स्ट सेमेस्टर का परीक्षा परिणाम घोषित करना तो दूर कांपियां जांचने का फार्मूला तक तय नहीं कर पाया है। आधी अधूरी तैयारियों के साथ विवि प्रशासन के च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम (सीबीसीएस) लागू तो कर दिया, लेकिन नियम कायदे निर्धारित नहीं हो पाने का खामियाजा दस हजार से ज्यादा छात्रों को भुगतना पड़ रहा है।
अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ने दो साल पहले देश के सभी तकनीकी विश्वविद्यालयों में अध्ययन एवं मूल्यांकन पद्धति में अनिवार्य रूप से बदलाव कर च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम लागू करने के आदेश जारी किए थे। जिसके बाद आरटीयू ने कायदे कानून का निर्धारण करने के लिए तत्कालीन प्रोवीसी प्रो. राजीव गुप्ता की अध्यक्षता में दस सदस्यीय समिति गठित कर दी।
कमेटी ने 17 जुलाई 2017 को सीबीसीएस रेग्युलेशन तैयार कर विवि प्रशासन को सौंप दिया। जिसे एकेडमिक काउंसिल और प्रबंध मंडल में मंजूरी दी जानी थी, लेकिन कापियां जांचने, रिजल्ट तैयार करने के लिए ग्रेड पाइंट फार्मूला और परसेंटेज एवं परसेंटाइल निकालने के फार्मूले स्पष्ट न होने के कारण यह रेग्युलेशन अधर में लटक गया।
नियम तय नहीं परीक्षा करा ली
सीबीसीएस रेग्युलेशन पास कराए बिना ही आरटीयू ने शैक्षणिक सत्र 2018-19 से सीबीएस सिस्टम लागू कर दिया। इस नियम को सबसे पहले बीटेक प्रथम वर्ष में लागू किया। छात्रों को छह महीने तक पढ़ाने और दिसंबर में परीक्षाएं लेने के बाद भी विवि प्रशासन को इतनी फुर्सत नहीं मिली कि वह ग्रेड पाइंट फार्मूला तय कर कापियों का मूल्यांकन करा परीक्षा परिणाम घोषित कर दे।
उल्टा, पहले सेमेस्टर का परिणाम बताए बिना ही दूसरे सेमेस्टर की न सिर्फ पढ़ाई कराई, बल्कि मई के दूसरे सप्ताह से परीक्षाएं कराने की भी घोषणा कर दी। आरटीयू के च्वाइस बेस्ड अनार्की सिस्टम के चलते अब दस हजार से ज्यादा छात्र फस्र्ट सेमेस्टर का रिजल्ट जाने बिना ही सेकेंड सेमेस्टर की परीक्षाएं देंगे।
गठित की एक और कमेटी
हर तरफ से फंस चुका आरटीयू डेढ़ साल बाद सीबीसीएस रेग्युलेशन में जरूरी बदलाव करने को राजी हुआ है। ग्रेड पाइंट निकालने, उन्हें नार्मलाइजेशन करने और परसेंटाइल एवं परसेंटेज निर्धारित करने का फार्मूला तलाशने के साथ-साथ सेमेस्टर ग्रेड पाइंट एवरेज (एसजीपीए) और कम्युलेटिव ग्रेड पाइंट एवरेज (सीजीपीए) तय करने के लिए कार्यवाहक कुलपति प्रो. नीलिमा सिंह ने डीन फैकल्टी ऑफ इंजीनियरिंग एंड आर्किटेक्ट प्रो. बीपी सुनेजा, परीक्षा नियंत्रक प्रो. एके द्विवेदी, डीन एकेडमिक्स प्रो. विवेक पांडेय एवं सभी बोर्ड ऑफ स्टडीज के समन्यवकों की कमेटी गठित की है।
बढ़ सकता है इंतजार
च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम से जुड़ी सभी समस्याओं का निस्तारण और रिजल्ट के फार्मूले तय करने के लिए यह कमेटी 25 मार्च को बैठक करेगी। यदि पहली बार में सभी बिंदुओं पर सहमति बन भी जाती है तो सीबीसीएस रेग्युलेशन को पास कराने के लिए उसे पहले एकेडमिक काउंसिल और फिर बोम में रखना होगा। जिसके चलते परीक्षा परिणाम घोषित होने में कम से कम तीन महीने और लग सकते हैं।
ऐसी स्थिति में कुलपति छात्रहित को देखते हुए विशेष शक्तियों का इस्तेमाल कर इस रेग्युलेशन को दोनों वैधानिक समितियों के लिए रिपोर्टिंग आइटम मानकर मंजूरी देंगी तभी जल्द से जल्द परीक्षा परिणाम घोषित हो सकेगा।
च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम के मुताबिक ग्रेड पाइंट फार्मूला तय न होने के कारण बीटेक फस्र्ट सेमेस्टर का परीक्षा परिणाम घोषित नहीं किया जा सका है। जैसे ही यह फार्मूला तय हो जाएगा रिजल्ट जारी कर देंगे। हमारी सारी तैयारियां पूरी है।
प्रो. एके द्विवेदी, परीक्षा नियंत्रक, आरटीयू
Published on:
25 Mar 2019 06:00 am
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