
Convicted for three years
कोटा। रुद्राक्ष हत्याकांड मामले में कोर्ट ने सोमवार को बड़ा फैसला सुनाया है। एससी एसटी कोर्ट के न्यायाधीश गिरीश अग्रवाल ने मुख्य आरोपित अंकुर पाडिय़ा को फांसी की सजा की सजा सुनाई है। वहीं अंकुर के भाई अनूप पाडिय़ा को उम्रकैद, महावीर को 4 साल व करणजीत सिंह को 2 साल की सजा सुनाई है।
गौरतलब है कि जवाहर नगर थाना क्षेत्र स्थित तलवंडी से 9 अक्टूबर 2014 की शाम 8 वर्षीय बालक रुद्राक्ष हांडा का पार्क से अपहरण कर लिया गया था। इसके बाद एक व्यक्ति ने उसके घर पर बैसिक फोन पर फोनकर 2 करोड़ रुपए की फिरौती मांगी थी।
इस संबंध में बालक के पिता पुनीत हांडा ने जवाहर नगर पुलिस को सूचना दी। इस पर पुलिस ने बालक की तलाश की, लेकिन उसका कहीं पता नहीं चला। सिर्फ सीसीटीवी कैमरे के आधार पर बालक का अपहरण करने वाली कार का पता चला था। इस पर जब पुलिस ने आरोपित की तलाश की तो वह बालक को तालेड़ा क्षेत्र स्थित जाखमुंड नहर में फेंक गया। जहां से 10 अक्टूबर की सुबह उसका शव बरामद हुआ था।
मच गया था हड़कंप
घटना से पूरे शहर में हड़कम्प मच गया। पुलिस ने मामला दर्ज कर 27 अक्टूबर को आरोपित अंकुर पाडिय़ा व उसके भाई अनूप को लखनऊ से गिरफ्तार किया था, जबकि अंकुर के नौकर महावीर शर्मा व अंकुर को फर्जी सिम बेचने के मामले में दिल्ली के दुकानदार करणजीत सिंह को भी गिरफ्तार किया था।
मामले में जवाहर नगर थाने के तत्कालीन थानाधिकारी भगवतसिंह हिंगड़ ने अनुसंधान किया। अनुसंधान के बाद जनवरी 2015 में चारों आरोपितों के खिलाफ चालान पेश किया। इसमें 110 गवाहों की सूची पेश की गई। अभियोजन पक्ष की ओर से सभी गवाहों के बयान दर्ज कराए गए। करीब साढ़े तीन साल चली सुनवाई के बाद गवाहों के बयान पूरे हुए।
Updated on:
26 Feb 2018 06:23 pm
Published on:
26 Feb 2018 06:07 pm
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