
ये हैं कोरोना के कर्मवीर, करते हैं सीधा मुकाबला
कोटा. वैश्विक महामारी का रूप के चुके कोरोना को लेकर हमारे कर्मयोद्धा तैयार हैं। वह इस बीमारी से लडऩे के लिए सीधे मुकाबले को तैयार हैं। इसके चलते शहर से लेकर गांवों तक चप्पे-चप्पे पर टीमें तैनात हैं। चिकित्सा विभाग की टीमें किसी भी संदिग्ध मरीज के मिलने के बाद उसकी हिस्ट्री निकाल लेती हैं। स्क्रीनिंग से लेकर उसे भर्ती तक पूरा काम करती हैं। कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर गांव से लेकर शहर तक कुल 78 टीमें लगी हैं। शहर में 23 पीएचसी में टीमें काम कर रही, जबकि 2 सीएचसी तथा ग्रामीण क्षेत्रों में 39 पीएचसी व 11 सीएचसी पर ये टीमें तैनात हैं। ये टीमें किसी भी गांव में कोरोना संदिग्ध मिलने के बाद उसकी स्क्रीनिंग से लेकर उसकी जांच पड़ताल तक करती हैं। सभी जगहों पर करीब 40 वाहन उपलब्ध करवा रखे हैं। पांचों ब्लॉक में कंट्रोल रूम स्थापित कर दिए।
रेपीड रेस्पोंस टीम : पीएचसी व सीएचसी पर तैनात टीमों की ओर से स्क्रीनिंग करने के बाद रेपीड रेस्पोंस टीम मैदान में उतरती है। वह मरीज की स्क्रीनिंग से लेकर भर्ती तक का काम करती है। चिकित्सा विभाग के पास एक रेस्पांस टीम काम कर रही। टीम में 1 डॉक्टर, 1 मेल नर्स, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी व एम्बुलेंस है। इसके अलावा मेडिकल कॉलेज की चार रेपीड रेस्पोंस टीम काम कर रही है। एक टीम में पांच चिकित्सक हैं। ये टीम चिकित्सा विभाग की स्क्रीनिंग को क्रॉस मैच करती है।
ऐसे करते हैं स्क्रीनिंग : कोरोना संदिग्ध की स्क्रीनिंग में 20 मिनट लगते हैं। उसे सर्दी, जुकाम, खांसी, बुखार देखकर सेम्पल लेते हैं। पॉजीटिव आने पर हिस्ट्री खंगाली जाती है। मरीज कहां से आया, किस के संपर्क में आया, कहां-कहां गया, पूरी डिटेल निकाली जाती है। उसके सम्पर्क में आने वाले हर व्यक्ति को तलाश उनकी भी स्क्रीनिंग होती है और सेम्पल लिए जाते हैं।
डॉक्टर व नर्सिंग स्टाफ के लिए एयरकंडीशन व्यवस्था
कोटा. एमबीएस के कोरोना आइसोलेशन वार्ड में ड्यूटी दे रहे चिकित्सक व नर्सिंग स्टाफ के लिए जिला प्रशासन व मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने अलग से रहने व खाने की व्यवस्था की है। प्राचार्य डॉ. विजय सरदाना ने बताया कि आइसोलेशन वार्ड में कार्यरत चिकित्सक व नर्सिंग स्टाफ परिवार को बचाते हुए घर नहीं जा रहे। वह अस्पताल में रूक रहे थे। ऐसे में उनके लिए वैकल्पिक व्यवस्था की गई। कुन्हाड़ी में लैडमार्क में 34 कमरों का एयरकंडीशन हॉस्टल उनके लिए रिजर्व कर दिया। वे वहां रात के समय रूक सकेंगे। इसके अलावा खाने की व्यवस्था भी की गई।
डॉक्टर व नर्सिंग स्टाफ के लिए एयरकंडीशन व्यवस्था
मेडिसिन विभाग के चिकित्सकों की लगाई ड्यूटी : कोटा मेडिकल कॉलेज की मेडिसिन विभाग के सभी संकाय सदस्यों की एमबीएस अस्पताल के आईसालेशन वार्ड में ड्यूटी लगाई है। इन सभी के अलग-अलग दिन निर्धारित किए गए। इसके अलावा सहायक आचार्य व रेजीडेंट की भी ड्यूटी लगाई है।
रोगियों को मिलेगा भोजन : आईसोलेशन वार्ड में भर्ती रोगियों के लिए भामाशाह के सहयोग से भोजन की व्यवस्था की गई। सुबह श्याम मित्र मंडल की ओर से पैक भोजन दिया जाएगा। शाम के समय रेखा सालूजा की ओर से भोजन दिया जाएगा।
Published on:
26 Mar 2020 08:07 pm
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