Sanskrit diwas:राज्य स्तरीय विद्वत्सम्मान समारोह में 21 संस्कृत विद्वानों का सम्मान बाबा निरंजन नाथ को संस्कृत साधना शिखर सम्मान
कोटा. संस्कृत शिक्षा विभाग की ओर से संस्कृत दिवस के उपलक्ष्य पर राज्य स्तरीय विद्वत्सम्मान समारोह पहली बार कोटा में आयोजित किया गया। समारोह में भारतीय भाषा समिति, शिक्षा मंत्रालय के अध्यक्ष पद्मश्री डा. श्रीचमूकृष्ण शास्त्री ने कहा कि युवा पीढ़ी को आकर्षित करने और संस्कृत सीखने वालों की रोजगार क्षमता को बढ़ावा देने के लिए, नए जमाने की विषय वस्तु और कौशल-आधारित घटकों को शामिल करके पाठ्यक्रम में सुधार करना आवश्यक हो गया है। बाजार में प्रतिस्पर्धी और प्रासंगिक बने रहने के लिए व्यक्ति को अपने संबंधित क्षेत्रों में कुशल होने की आवश्यकता है। हमें इस धारणा को बदलना होगा कि संस्कृत केवल कर्मकांड की भाषा है। उन्होंने कहा कि छात्रों को नौकरी के लिए तैयार करने के लिए पाठ्यक्रम में संशोधन की आवश्यकता है। आज के समय में प्रासंगिक कौशल हासिल करना भी उतना ही महत्वपूर्ण है। संस्कृत में पढ़ाए और सीखे गए नए जमाने के विषयों को एकीकृत करके एक बहु-विषयक दृष्टिकोण जरूरी है। नई शिक्षा नीति में भी यही बात है। उन्होंने संस्कृत के प्रसार के लिए कई सुझाव भी दिए।