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निगम ने सड़क को बनाया कचरे का डिब्बा, सड़-सड़ कर जी रहे लोग

नगर निगम शहर को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए एक ओर करोड़ों रुपए पानी की तरह बहा रहा है। दूसरी ओर सड़क को बनाया कचरे का डिब्बा।

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कोटा .

नगर निगम शहर को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए करोड़ों रुपए पानी की तरह बहा रहा है। शहर में तमाम तरह के प्रचार-प्रसार कर आमजन को शहर को साफ-सुथरा रखने की अपील कर रहा है, लेकिन दूसरी ओर निगम की कार्यप्रणाली उसके प्रयासों को कठघरे में खड़ा कर रही है।

शहर के वार्ड नंबर 28 के महावीर नगर प्रथम क्षेत्र की पत्रकार कॉलोनी के लोग इन दिनों सड़क पर कचरा प्वॉइंट बनाने से काफी परेशान हैं। निगम की ओर से झालावाड़ रोड पर नारकोटिक्स से सटी सीसी सड़क सर्विस रोड पर नाले में ही कचरा प्वॉइंट बना दिया गया। इससे कॉलोनी के लोगों व कोचिंग स्टूडेंट का इस सड़क से निकलना मुश्किल हो गया है।

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मैस व रेस्टोरेंट संचालक भी डालते हैं कचरा
इस कचरा प्वॉइंट पर आस-पास के मैस व रेस्टोरेंट वाले बचा हुआ खाना डाल जाते हैं। इसकी दुर्गंध से वातावरण दूषित हो रहा है। आवारा मवेशियों का झुंड भी यहां मंडराता रहता है। पहले लोग यहां सुबह-शाम पैदल टहलते हुए नजर आते थे, लेकिन जब से यहां कचरा प्वॉइंट बना है, तब से ही उनका भी यहां से निकलना बंद हो गया है। कई बार शिकायत की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही।

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जनता की पीड़ा : नहीं हो रही सफाई
प्रदीप शक्तावत का कहना है कि हमने कचरा प्वॉइंट को लेकर पार्षद को शिकायत की, लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया गया। लोग पत्रकार कॉलोनी से कॉमर्स कॉलेज तक इसी सर्विस रोड से गुजरते हैं, लेकिन बदबू इतनी ज्यादा है कि अब यहां से निकलना मुश्किल हो रहा है।

घनश्याम मीणा का कहना है कि कोटा को स्मार्ट सिटी बनाने की बड़ी-बड़ी बातें की जा रही हैं, लेकिन यहां तो सड़क को ही कचरा पात्र बना दिया है। इस जगह से कोचिंग स्टूडेंट महावीर नगर प्रथम इलाके में आते-जाते हैं, शहर की ऐसी तस्वीर से नाम खराब होता है।

मोहनलाल का कहना है कि हर चीज का टैक्स देने के बावजूद नगर निगम सफाई व्यवस्था में फेल साबित हो रहा है, सड़क पर कचरा प्वॉइंट बनाने से अब पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है। दुर्गंध के कारण वातावरण दूषित हो रहा है। कोई सुनवाई भी नहीं।

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वार्ड न. 28 के पार्षद गोपाल राम मंडा का कहना है कि पहले लोग नाले में कचरा डालते थे, इसलिए अस्थाई कचरा पात्र बनवाया। लोगों ने नाले में तो कचरा डालना बंद कर दिया लेकिन यहां कचरा फैलने लग गया। शीघ्र ही स्मार्ट सिटी के तहत इस जगह आरसीसी का कचरा पात्र बनाया जाएगा, आदेश हो गए हैं। रेती नहीं आने से काम नहीं हो रहा।