
कोटा . 23 साल के शहीद भगत सिंह, आजाद आज भी युवाओं के दिलों में जवां है। युवाओं के लिए प्रेरणा है। युवाओं को देश के लिए कुछ कर गुजरने की ताकत और हौंसला देते हैं। कुछ इसी तरह के विचार व्यक्त किए हैं शहीदे आजम भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु के परिजनों ने। परशुराम जयंती के कार्यक्रमों में भाग लेने आए
भगत सिंह के भतीजे अभय सिंह संधू पत्नी तेजी संधू, क्रांतिकारी सुखदेव के पौत्र अनुज सिंह थापर और राजगुरु के पौत्र सत्यशील राजगुरु ने पत्रिका से बात की, तो कुछ ऐसे ही विचार सामने आए। साथ ही क्रांतिकारी परिवारों के प्रति सरकारी रवैये पर भी उन्होंने विचार व्यक्त किए।
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शहीदे आजम भगत सिंह के भतीजे अभय सिंह संधू ने बातचीत में बताया कि 23 साल के शहीदे आजम आज भी युवाओं के दिल में 23 साल के ही है। वे युवाओं के लिए आज भी प्रेरक हैं। भगत सिंह का सोचना था कि युवा पढ़ाई के साथ राजनीति में भी रूचि रखें, ताकि उन्हें देश को समझने का अवसर मिले। युवा जो भी बात करें पूरी दलील के साथ।
भगत सिंह पूरी दलील के साथ बात करते थे। क्रांतिकारियों के सपनों को पूरा करने के सम्बन्ध में पूछे गए प्रश्न पर अभय सिंह ने बताया कि भगत सिंह देश में समानता का भाव चाहते थे। आदमी इतना गरीब न हो कि खुद को बेचने पर मजबूर हो जाए। अमीर इतना अमीर न हो कि गरीब को खरीद ले। मजदूर को पूरी मजदूरी मिले। लेकिन आज भी देश में असमानता है। देश शहीदों को याद कर आज भी प्रेरित होता है, लेकिन किसी सरकारी तौर पर शहीदों का दर्जा नहीं है, यह कष्ट दायक है।
इंडिया गेट के पास बने भारत माता की प्रतिमा
इंडिया गेट के पास भारत माता की प्रतिमा लगे ताकि लोग इसे देखे तो देशभक्ति की भावना से भर जाएं। यह कहना है,क्रांतिकारी सुखदेव के पौत्र अर्जुन सिंह थापर का। उन्होने बताया कि इंडिया गेट के पास भारत माता की लिबर्टी ऑफ स्टेच्यू से भी बड़ी मूर्ति लगाई जानी चाहिए, ताकि देश का युवा यहां होकर गुजरे तो देशभक्ति की भावना जागे।
Published on:
17 Apr 2018 10:56 pm
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