
पहले सोम पर बही श्रद्धा की बयार
कोटा. सावन का पहला सोमवार भगवान शिव के नाम रहा। शिवालयों में भक्तों की भीड़ उमड़ी। नमक चमक रुद्राभिषेक का दौर चला। धर्म, ध्यान व अन्य अनुष्ठान करवाए गए। श्रद्धालुओं ने आक-धतूरे-बिल्व पत्र व फल-फूल माला प्रसाद भगवान शिव को अर्पित कर सुख-समृद्धि की कामना की। शहर के विभिन्न क्षेत्रों के शिवालयों में श्रद्धालुओं की भीड़ रही। लोग पूजन, अभिषेक में व्यस्त दिखे। कोई घर से थाल सजाकर पूजन करने आया तो किसी ने मंदिर के आस-पास लगी दुकानों से फल, माला व प्रसाद खरीदा।
थेगड़ा स्थित शिवपुरी धाम में सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ रही। श्रद्धालुओं ने यहां 525 शिवलिंगों के समूह पर अभिषेक किया। जयकारों और मंत्रोच्चारण के बीच वे एक के बाद दूसरे शिवलिंग का पूजन करते हुए चले। देवस्थान विभाग की ओर से भी यहां संस्कृत अकादमी की तरफ से महारुद्राभिषेक करवाया गया। देवस्थान विभाग के सहायक आयुक्त कृष्ण कुमार खंडेलवाल, जितेन्द्र ओझा, संस्कृत अकादमी के जिला प्रभारी भंवर सिंह व अन्य कर्मचारी व अधिकारी उपस्थित रहे। शाम को 1100 दीपों से भगवान की आरती कर प्रसाद वितरित किया गया।
छावनी रामचन्द्र पुरा स्थित गोपेश्वर महादेव मंदिर, टीलेश्वर मंदिर में भी श्रद्धालुओं की भीड़ रही। महिलाएं भगवान शिव को मनाने पहुंची। उन्होंने भगवान शिव का पूजन कर सुख-समृद्धि की कामना की। नीलकंठ, कंसुआ व अन्य मंदिरों में पूजार्चना का दौर चला। आयोजनों के दौरान भजनों की रसधार भी बही। रामतलाई स्थित जगत माता मंदिर में भंग व सूखे मेवे से शृंगार कर महाकाल के स्वरूप के दर्शन करवाए गए। विशेष शृंगार के पट खुलने के साथ ही लोगों की भीड़ लग गई। सुबह 7 ब्राह्मणों ने भगवान का अभिषेक करवाया। तलवंडी स्थित राधाकृष्ण मंदिर में गंगा अवतरण की झांकी के दर्शन करवाए गए। इसी तरह कंसुआ स्थित कर्णेश्वर महादेव मंदिर में रंग-बिरंगे फूलों से भगवान शिव का अभिषेक किया गया।
Published on:
30 Jul 2018 07:06 pm
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