
MBS Hospital: सख्त आदेशों के बावजूद मनमानी कर रहा स्टॉफ
कोटा . अस्पतालों की व्यवस्थाओं को सुधारने के लिए चाहे प्रशासनिक अधिकारी के आदेश हों या अस्पताल प्रशासन लाख जतन कर ले, लेकिन संवेदक व स्टॉफ आदेशों को गंभीरता से नहीं लेता। गत दिनों संभागीय आयुक्त के दौरे के बाद अस्पताल प्रशासन ने सभी रेजीडेंट, स्टॉफ व संवेदक द्वारा लगाए संविदाकर्मियों को गणवेश व आई कार्ड पहनकर आने के आदेश दिए थे। लेकिन न तो ट्रॉली चालक आदेश मान रहे ओर ना ही स्टॉफ।
रात को ड्यूटी पर आने वाला स्टॉफ तो बेफिक्र होकर घर के कपड़ों में ही दिखाई देता है। कुछ दिन व्यवस्थाओं को सुधारने के जतन किए गए, लेकिन बाद में फिर से अस्पताल पुराने ढर्रे पर चल रहा है। अधिकारियों के आदेश भी हवा हो गए हैं।
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नहीं लगे अधिकारियों के नम्बर लगे बोर्ड
30 मई को संभागीय आयुक्त केसी वर्मा ने एमबीएस अस्पताल का निरीक्षण किया और व्यवस्था सुधारने के निर्देश दिए थे। संभागीय आयुक्त ने अस्पताल में लगे सीसीटीवी कैमरे सही करने, जहां मरीजों की लाइन लगती है वहां पंखों की व्यवस्था करने, साइन बोर्ड पर अधिकारियों के मोबाइल नम्बर लिखे जाने, रेजीडेंट, स्टॉफ व संवेदक के कर्मियों को गणवेश में आने सहित कई निर्देश दिए थे। उसके बाद मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ. गिरीश वर्मा ने भी मेडिकल ऑफिसर, एचओडी व यूनिट हेड की बैठक ली थी।
12 दिन से अधिक समय बीत जाने के बाद भी अस्पताल की व्यवस्थाओं में कोई सुधार नहीं हुआ। न ही staff गणवेश में आ रहा है और न ही संवेदक के संविदाकर्मी डे्रस में आ रहे। आईकार्ड पहनकर भी कर्मचारी नहीं आ रहे। ट्रॉलीमैन को डे्रस व आईकार्ड पहनकर आने के लिए प्राचार्य ने संवेदक को पाबंद किया था, लेकिन उनके आदशों की पालना संवेदक भी नहीं कर रहा है।
ट्रॉली चालक व अन्य कर्मी गणवेश पहनकर नहीं आ रहे तो संवेदक को पाबंद किया जाएगा, नहीं तो कार्रवाई करेंगे।
-डॉ. नवीन सक्सेना, अधीक्षक एमबीएस कोटा
Published on:
11 Jun 2018 02:16 pm
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