
sub Inspector suspended in bribe case
कोटा ग्रामीण पुलिस अधीक्षक ने खैराबाद चौकी के इंचार्ज कान सिंह को लाइन हाजिर कर दिया। कान सिंह ने जानलेवा हमले के मामले में तीन लोगों को फंसाने की धमकी दी थी, लेकिन जब आरोपी समझौते की बजाय पुलिस के सामने सरेंडर करने पहुंचे तो इसके लिए भी 1 लाख रुपए की रिश्वत मांगी। www.patrika.com पर खबर प्रकाशित होने के बाद आला अफसरों में हड़कंप मच गया और आनन-फानन में रिश्वत की मांग कर रहे चौकी इंचार्ज के खिलाफ कार्रवाई करने के आदेश जारी हो गए।
जानलेवा हमले का था आरोप
कोटा के खैराबाद इलाके में स्थित गोयन्दा गांव निवासी रामकुमार मीणा का रिश्तेदार नानूराम एक सितम्बर को छत से गिर गया था। नानूराम ने इस मामले में उसके व उसके परिवार के आठ जनों के खिलाफ प्राणघातक हमले का प्रकरण दर्ज कराया था। प्रकरण की जांच खैराबाद पुलिस चौकी के सहायक उप निरीक्षक कानसिंह को सौंपी गई थी। जांच अधिकारी ने जांच के बाद पांच जनों के नाम निकाल दिए। जबकि रामकुमार व उसके दो बेटों को इस मामले में आरोपित बनाया।
सरेंडर करने आया तो मांगे एक लाख
रामकुमार ने पुलिस और नानूराम के आरोपों को झूठा बताते हुए समझौता करने से इनकार कर दिया और गिरफ्तारी देने के लिए पुलिस चौकी पहुंच गया, लेकिन चौकी प्रभारी कान सिंह ने उसे गिरफ्तार करने के लिए भी एक लाख रुपए की मांग कर डाली। इतना ही नहीं रुपए नही देने पर उसके दोनों पुत्रों की जिंदगी खराब कर देने की धमकी भी दी। अवैध वसूली के लिए कान सिंह ने रामकुमार को फोन पर धमकियां देना भी शुरू कर दिया था। जिससे परेशान होकर वह शनिवार को उपाधीक्षक से मिलने रामगंजमंडी आया था, लेकिन उनके ना मिलने पर वृत्तनिरीक्षक मनोज सिंह सिकरवार ने पुलिस अधीक्षक के पास जाने को कहा। इसके बाद रामकुमार ने अपने खेत पर पहुंच कर कीटनाशक पी लिया।
मचा हड़कंप, करनी पड़ी कार्रवाई
रामकुमार के कीटनाशक पीने के बाद उसे गंभीर हालत में हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। वहां भी पुलिस पीड़ित के बयान दर्ज करने को राजी नहीं हुई। इस पूरे प्रकरण पर www.patrika.com ने जब रविवार को खबर प्रकाशित की तो पुलिस अधीक्षक ग्रामीण डा. राजीव पचार ने तत्काल कार्यवाही करते हुए चौकी प्रभारी कान सिंह को लाइन हाजिर कर दिया।
Published on:
30 Oct 2017 10:48 am
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