
Rajasthan government has prepared integrated building regulations
राजस्थान सरकार ने मकान निर्माण में एकरूपता लाने के लिए करोड़ों लोगों के हाथ से रोजगार छीनने की योजना बना डाली है। नगरीय विकास विभाग की ओर बनाए जा रहे एकीकृत भवन विनियम 2017 एक्ट अधिसूचना जारी होते ही पूरे राजस्थान में लागू हो जाएगा। जिसके बाद कोई भी व्यक्ति अपने निजी मकान में परचूनी की दुकान तक नहीं खोल सकेगा। जो लोग पहले से घरों में दुकान, गोदाम या सर्विस सेंटर चला रहे हैं उन्हें भी 30 दिन के अंदर इन्हें बंद करना पड़ेगा।
एक्ट हुआ तैयार, कभी भी हो सकता है लागू
नगरीय विकास विभाग की ओर से पूरे राज्य में नगर निकायों में भवन विनियम में एकरूपता बनाए रखने के लिए एकीकृत भवन विनियम 2017 तैयार किया है। यह अधिसूचना जारी होने की तिथि से लागू होगा। इसके लिए राज्य के सभी विकास प्राधिकरण, नगर विकास न्यास और स्थानीय निकायों को अधिसूचित किया गया है। ये निकाय स्थानीय स्तर पर भी कुछ प्रावधान निर्धारित कर सकेंगे। जैसे चार दीवारी क्षेत्र के लिए कोई भी निकाय अलग से मापदण्ड निर्धारित करके राज्य सरकार की स्वीकृति के बाद लागू कर सकेगा।
सीए, डॉक्टर और वकीलों को दी छूट
भाजपा सरकार के इस नए एक्ट में जहां प्रदेश के करोड़ों गरीबों का रोजगार छिन जाएगा, वहीं मोटी फीस वसूलने वाले प्रोफेशनल्स को फायदा पहुंचाने का पूरा इंतजाम किया गया है। इस एक्ट में वकील, सीए, वास्तुविद, डॉक्टर, इंजीनियर, वित्तीय सलाहकार, मीडिया प्रोफेशनल और नगर नियोजक का काम करने वाले लोगों को घर में कार्यालय बनाने की छूट का प्रवाधान किया गया है। यह लोग स्वयं के निर्मित आवास में उसका 25 प्रतिशत भाग या फिर 100 मीटर से कम जगह का उपयोग स्वनियोजित व्यवसाय के लिए कर सकेंगे।
गरीबों के काटे हाथ
राजस्थान की भाजपा सरकार ने इस एक्ट के जरिए गरीबी में जैसे-तैसे गुजर-बसर करने वालों के हाथ काटने की पूरी तैयारी कर ली है। एकीकृत भवन विनियम 2017 में भाजपा सरकार ने प्रावधान किया है कि पूरे प्रदेश के किसी भी व्यक्ति को अपने घर में भी खुदरा दुकानें, थोक व्यापार दुकान, मरम्मत करने की दुकान ही नहीं गोदाम और सर्विस सेंटर खोलने तक की छूट नहीं होगी। मानव के लिए हानिकारण प्रभाव छोडऩे वाले किसी भी काम के साथ राजस्थान सरकार लोगों को अपने घर में छोटी सी परचूनी की दुकान खोलने तक पर पाबंदी लगा देगी। इतना ही नहीं इस एक्ट के लागू होने के बाद यदि गलती से भी इसका उल्लंघन किया तो निकाय नोटिस जारी उसे 30 दिन में बंद करवा देगा और फिर भी ना माने तो मकान को सीज कर दुकान तुड़वाने का भी प्रावधान किया गया है।
इन निर्माण कार्यों के लिए मिलेगी छूट
भवनों का निर्माण बिना सक्षम अधिकारी की स्वीकृति के नहीं किया जा सकेगा, लेकिन कुछ कार्यों के लिए छूट होगी। जैसे बागवानी करने, पुन: छत का निर्माण करने, टाइल्स लगाने और पुन: छज्जा लगवाने, चौकीदार कक्ष का निर्माण करने के लिए किसी प्रकार की स्वीकृति की आवश्यकता नहीं होगी। प्राकृतिक आपदा में आवास के नष्ट होने पर पूर्व में निर्मित सीमा तक निर्माण करने के लिए भी निर्माण स्वीकृति की जरूरत नहीं होगी।
ये कमेटी बना रही नया एक्ट
विनियमों में संशोधन करने के लिए भी एक्सपर्ट कमेटी का प्रावधान किया गया है। इस राज्य स्तरीय कमेटी में स्थानीय निकाय विभाग के शासन सचिव, मुख्य नगर नियोजक, वरिष्ठतम नगर नियोजक और स्थानीय निकाय विभाग के निदेशक को शामिल किया गया है। विभाग के सचिव इसके अध्यक्ष होंगे।
Updated on:
23 Oct 2017 01:48 pm
Published on:
23 Oct 2017 01:37 pm
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