
कोटा . स्वच्छ भारत मिशन के तहत शहर में नगर निगम की ओर से आमजन के उपयोग के लिए सार्वजनिक शौचालय व सुलभ कॉम्पलेक्स का निर्माण कराया गया, लेकिन निर्माण के बाद से इनकी सुध नहीं ली गई। इस कारण यह बदहाल पड़े हैं। हाल ये हैं कि कहीं सार्वजनिक शौचालयों व स्नान घर पर ताले लटके पड़े हैं, तो कहीं गंदगी का अम्बार लगा है। पाइप लाइन फूटी पड़ी है। इसके चलते यह आमजन के उपयोगी साबित नहीं हो रहे।
न्यापुरा : स्नानघर पर लटके ताले
नयापुरा में खाई रोड कालपुरा में निगम की ओर से सुलभ कॉम्पलेक्स बनवाया गया। इसका उद्घाटन 14 अगस्त 1995 को पूर्व महापौर सुमन शृंगी ने किया था। यहां स्नान घर पर ताले लटके पड़े हैं। उनके दरवाजे टूट हैं। अंदर गंदगी की भरमार है। इसके चलते यह उपयोगी साबित नहीं हो रहे। प्रवेश द्वार पर चौबीस घंटे गंदगी व सूअरों का जमावड़ा लगा रहता है।
लाडपुरा : गदंगी की भरमार
लाडपुरा मैगजीन स्कूल के पास नगर निगम की ओर से सार्वजनिक शौचालय का निर्माण कार्य कराया गया था। 14 दिसम्बर 2017 को इसका उद्घाटन हुआ, लेकिन ये बदहाल पड़ा रहता है। यहां शौचालयों में गदंगी की भरमार है। चौकीदार कक्ष पर ताला लटका हुआ है। इसके चलते यह उपयोगी साबित नहीं हो रहा है।
एमबीएस अस्पताल : फूटी पड़ी पाइप लाइनें
एमबीएस अस्पताल परिसर में बने शौचालयों के हालात तो इससे भी बुरे हैं। लोग अस्पताल में स्वस्थ होने आते हैं, लेकिन वे उलटा बीमारियां साथ लेकर जा रहे हैं। यहां दवा काउंटर के पास बने शौचालय की हालात खराब है। गंदगी जमा है तो आवारा पशु बैठे रहते हैं। पाइप लाइन क्षतिग्रस्त पड़ी है। पानी लोगों पर गिरता रहता है। बाहर की तरफ गदंगी जमा है। पट्टियां टूटी पड़ी हैं। जरा सी चूक होने पर बड़े नाले में गिरने का अंदेशा बना रहता है।
खेड़ली फाटक: समाजकंटकों का जमावड़ा
खेड़ली फाटक स्थित नगर निगम की ओर से बनाया गया महिला सुलभ शौचालय दुर्दशा का शिकार है। यहां निगम की ओर से सुरक्षा गार्ड नहीं है। रात को असामाजिक तत्वों का जमावड़ा रहता है। शराब के पव्वे पड़े रहते हैं। यहां गंदगी व दुर्गंध का आलम है। पानी की व्यवस्था भी नहीं है।
करवाएंगे दुरुस्त
नगर निगम उपायुक्त राजेश डागा ने कहा कि शहर में बदहाल पड़े सार्वजनिक शौचालय व सुलभ कॉम्पलेक्स को दिखवाकर साफ-सफाई व दुरुस्त करवाएंगे।
Published on:
26 Mar 2018 09:02 pm
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