रिश्वत की रकम ऊपर पहुंचानी पड़ती है राघव सिक्योरिटी एजेंसी के संचालक गोबरीलाल मीणा की शिकायत पर एसीबी ने बुधवार शाम को क्षेत्रीय भविष्य निधि कार्यालय के प्रवर्तन अधिकारी नलिन भट्ट व सुरेश सैनी को 25 हजार रुपए रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था। सूत्रों के अनुसार गिरफ्त में आने के बाद एसीबी पूछताछ में दोनों ने बताया कि उन्हें रकम ऊपर भी पहुंचानी पड़ती है। इस पर एसीबी टीम ने प्रवर्तन अधिकारी नलिन के फोन से पीएफ कमिश्नर महेश कुमार गोलिया को फोन कराया। जैसे ही नलिन ने उन्हें फोन किया और कहा कि वे राघव सिक्योटिरी एजेंसी पर आ गए हैं। संचालक तो मात्र 25 हजार रुपए ही दे रहा है, गोलिया ने उन्हें बस इतना ही कहा कि ‘तुम जानो तुम्हारा काम जाने। मुझसे तो कल बात करना’ …और फोन काट दिया।
संदिग्ध लगती है कमिश्नर की भूमिका एसीबी अधिकारियों का कहना है कि बातचीत से कमिश्नर की भूमिका संदिग्ध लगती है। लिहाजा, उनसे भी पूछताछ की जाएगी। गुरुवार को उन्हें कार्यालय में तलाश किया, सम्पर्क की कोशिश की लेकिन वे शहर से बाहर थे। दोनों आरोपितों के घरों पर भी एसीबी की टीम ने दबिश दी लेकिन ताले लगे थे। टीम ने नलिन के विज्ञान नगर स्थित किराए के कमरे को सील कर दिया। इधर, एसीबी निरीक्षक विवेक सोनी ने बताया कि कागजी कार्रवाई पूरी होने के बाद दोनों आरोपितों को अदालत में पेश किया, जहां से उन्हें 20 नवम्बर तक जेल भेज दिया।
हाथ जोड़े, मिन्नतें की सिक्योरिटी एजेंसी संचालक गोबरीलाल ने बताया कि सुरेश सैनी तो कुछ समय पहले ही
कोटा आया है। पहले वह
जयपुर था। नलिन काफी समय से यहां है। वे हर साल २-४ हजार रुपए तो पीएफ कार्यालय में देते रहे हैं, लेकिन इस बार अति हो गई। रकम 50 हजार रुपए मांगी और परेशान भी किया। उन्हों़ने दोनों से काफी मिन्नतें की कि रकम अधिक है। वह गरीब आदमी है, लेकिन नहीं माने। आखिर, शिकायत करनी पड़ी।