
कालीसिंध बांध डूब क्षेत्र
झालावाड़ मुख्यमंत्री का गृह जिला। इस जिले का एक गांव है दीवड़ी जो कालीसिंध बांध के डूब क्षेत्र में आ रहा है। इस गांव के सभी किसानों की कृषि भूमि बांध के डूब क्षेत्र में आ जाने से खत्म हो गई। यहां के किसानों को कृषि भूमि का मुआवजा भी पुरानी डीएलसी दर से कम मिला है जिससे यहां के किसान कहीं और जाकर जमीन नहीं खरीद सकें। इसके अलावा कई बार मांग करने के बावजूद आज तक गांव का पुनर्वास करने में सरकार ने कोई रूचि नहीं दिखाई।
तीन से साल पहले हो चुका सर्वे
ग्रामीण लालचन्द सेन, घनश्याम भील, प्रताप भील, देवलाल भील आदि किसानों के बांध के पानी में डूबे हुए पशु शेड का झालावाड़ बारां सांसद के निर्देश पर जलसंसाधन विभाग ने करीब तीन साल पहले सर्वे किया था। सर्वे कर मुआवजा राशि भी तय कर दी थी लेकिन करीब तीन साल बीत जाने के बाद अभी तक पशुपालकों को पशु शेड का मुआवजा नहीं मिला। विभाग ने एस्टीमेट बनाकर जल्द ही मुआवजा वितरित करने का आश्वासन दिया था। साथ ही डूब में आये कच्चे मकानों का सर्वे भी हुआ था।
दिन-रात सताता है सांप का डर
दीवड़ी निवासी प्रकाश भील, द्वारकालाल भील, हेमराज भील ने बताया कि गांव के बिल्कूल समीप बांध का पानी भरा रहने से सांप व अन्य जहरीले जीव लोगों को काट लेते है। घरों में सांप घुस जाते हैं। रात को बिजली गुल हो जाने पर सांप का डर सताता है। रात के अंधेरे में पैदल चलने पर सांप पांव के नीचे आ जाते है। मोहनलाल मेघवाल ने बताया कि बांध के पानी के आसपास सुरक्षा दीवार नहीं होने से गांव के बच्चों के पानी में डूबने की आशंका हमेशा बनी रहती है।
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पीने के पानी की समस्या
ग्रामीण बने सिंह व श्यामलाल ने बताया कि गांव में पीने के पानी की समस्या है। छापी पेयजल योजना के नल शाम को साढ़े सात बजे केवल आधा घंटे आते है। जिससे कई लोग पानी भरने से वंचित रह जाते है। सरकारी विद्यालय के हैण्डपम्प का मटमेला पानी पीने की परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। गोपाल भील ने बताया कि गांव के एक और बांध का पानी तो दुसरी और वन विभाग का जंगल आ जाने से लोगों को खुले में ही शौच जाना पड़ रहा है। शौचालय निर्माण की सूची में बहूत कम ग्रामीणों का नाम आया है।
मंजूरी मिलने के बाद होगा पुनर्वास
जलसंसाधन विभाग के अधिशासी अभियंता धीरज जौहरी ने कहा कि दीवड़ी में करीब आधा दर्जन पशुपालकों के डूब में आये पशु शेड के मुआवजा की मंजूरी हो गई है। गांव के आसपास सुरक्षा दीवार बनाने का काम दीवाली के बाद शुरू करवा देंगे। कालीसिंध बांध के द्वितीय चरण की मंजूरी मिलने के बाद पूरे दीवड़ी गांव का पुनर्वास करवाया जाएगा।
Published on:
04 Oct 2017 05:08 pm
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