script…तो नहीं होगा इनब्रीडिंग का खतरा! इसलिए देश के अन्य रिजर्वों से भी हो बाघों का आदान-प्रदान | then there will be no risk of inbreeding | Patrika News

…तो नहीं होगा इनब्रीडिंग का खतरा! इसलिए देश के अन्य रिजर्वों से भी हो बाघों का आदान-प्रदान

locationकोटाPublished: Oct 18, 2019 06:16:50 pm

Submitted by:

mukesh gour

कोटा के वन्यजीव प्रेमियों ने उठाई मांग

...तो नहीं होगा इनब्रीडिंग का खतरा! इसलिए देश के अन्य रिजर्वों से भी हो बाघों का आदान-प्रदान

…तो नहीं होगा इनब्रीडिंग का खतरा! इसलिए देश के अन्य रिजर्वों से भी हो बाघों का आदान-प्रदान

कोटा. रणथंभौर टाइगर रिजर्व में बाघों के बीच हो रहे संघर्षों के बीच मुकुन्दरा हिल्स टाइगर रिजर्व में रणथंभौर से अन्य बाघों को भी शिफ्ट करने की तैयारियां शुरू हो रही हैं। इसी प्रकार बंूदी के रामगढ़ विषधारी अभयारण्य में भी बाघों को छोड़े जाने की कवायद जोरों पर है। इसे लेकर एनटीसीए के अधिकारियों की बैठक भी हो चुकी है और रामगढ़ में बाघों की शिफ्टिंग की अनुमति भी दे दी है। जल्द ही रामगढ़ भी बाघों से आबाद होगा।

हाड़ौती के वन्यजीव प्रेमियों ने मांग की है कि हाड़ौती के जंगलों में रणथंभौर के साथ अन्य टाइगर रिजर्वों से भी बाघों का आदान-प्रदान होना चाहिए। राष्ट्रीय जल बिरादरी एवं पीपुल्स फॉर एनिमल के सदस्यों ने रामगढ विषधारी अभयारण्य में रणथम्भौर के अलावा मध्यप्रदेश के पन्ना या अन्य राज्यों से भी लाकर बाघों को छोडऩे की मांग की है ताकि इनब्रीडिंग की समस्या न हो। दरअसल, रणथंभौर और हाड़ौती में रहने वाले बाघों की नस्ल एक ही होगी, यानी कि वे सभी एक ही माता-पिता और सहोदरों की संतान होंगे। इससे एक नस्ल के कमजोर होने का खतरा, बीमारियों से बचने की प्रतिरोधक क्षमता पर असर पड़ता है। वैसे हाड़ौती के सबसे नजदीक मध्यप्रदेश के शिवपुरी में स्थित माधव राष्ट्रीय उद्यान, गांधी सागर स्थित अभयारण्य, पन्न राष्ट्रीय पार्क जैसी जगहों से बाघों को लाकर यहां बसाए जाने से इनकी नस्ल श्रेष्ठ बनेगी, बल्कि किसी बीमारी के सभी बाघों में फैलने का खतरा भी बहुत हद तक कम हो जाएगा। जल बिरादरी के प्रदेश उपाध्यक्ष बृजेश विजयवर्गीय एवं पूर्व मानद वन्यजीव प्रतिपालक वि. कुमार सनाढ्य ने वन मंत्री एवं राष्ट्रीय बाघ प्राधिकरण के निदेशक को इस बारे में पत्र लिखा है। पत्र के अनुसार रामगढ़ में रणथम्भौर से बाघों को स्थानंातरित करना प्रथमदृष्टया तो ठीक है लेकिन भविष्य में बाघों की स्वस्थ व सुरक्षित संतति के लिए देश की अन्य बाघ परियोजनाओं से बाघ-बाघिनों के जोड़े बनाए जाने की योजना पर प्रारम्भ से ही काम होना चाहिए।

मुकुंदरा में शिफ्टिंग से पहले भी उठी मांग
मुकुन्दरा हिल्स टाइगर रिजर्व में भी बाघों की शिफ्टिंग से पहले भी अलग-अलग टाइगर रिजर्वों से बाघों को लाने की मांग उठी थी। डॉ सुधीर गुप्ता समेत अन्य ने इस तरह के प्रस्ताव से सरकार को अवगत करवाया था।
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