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बाढ़ का कहर, कई गांवों में हजारों घर तबाह

खेत के खेत पानी में डूबे हुए हैं, जगह-जगह कच्चे घर जमींदोज हो गए, गांव के गांव उजड़े हुए दिखाई दे रहे हैं। यह हाल इटावा-सुल्तानपुर क्षेत्र के गांवों का है। बोरदा गांव में पिछले दिनों जल स्तर 10 से 12 फीट तक हो गया था, जिससे गांव में भारी तबाही हुई। गांव में करीब 400 कच्चे मकान हैं जिसमें से लगभग आधे से अधिक ढह गए। कई गांवों में हजारों घर तबाह हो गए हैं।

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कोटा. अतिवृष्टि का ऐसा कहर पहले नहीं देखा। खेत के खेत पानी में डूबे हुए हैं, जगह-जगह कच्चे घर जमींदोज हो गए, गांव के गांव उजड़े हुए दिखाई दे रहे हैं। यह हाल इटावा-सुल्तानपुर क्षेत्र के गांवों का है। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने रविवार को इटावा तथा सुल्तानपुर क्षेत्र का दौरा किया तो वे लोगों के दु:ख को देखकर भावुक हो गए। बिरला ने कहा, केंद्र और राज्य सरकार का सहयोग लेकर तो इनकी सहायता की ही जाएगी, हम भी इन लोगों की हरसंभव मदद के लिए तैयार हैं। बोरदा गांव में पिछले दिनों जल स्तर 10 से 12 फीट तक हो गया था, जिससे गांव में भारी तबाही हुई। गांव में करीब 400 कच्चे मकान हैं जिसमें से लगभग आधे से अधिक ढह गए। एेसे कई गांवों में हजारों घर तबाह हो गए हैं। बोरदा गांव में लोकसभा अध्यक्ष बिरला लटूरलाल के घर गए। चार दिन पहले तक जो सात कमरों का घर था, वहां अब सिर्फ मलबे का ढेर है, केवल घर का प्रवेश द्वार बचा है, जो तबाही की कहानी कह रहा है। बिरला ने लटूर लाल के कंधे पर हाथ रखा और ढांढ़स बंधाया। लोकसभा अध्यक्ष महिला कृषक सुनीता के घर भी गए। उसने लहसुन की फसल को घर में यह सोच कर सहेज कर रखा था कि मानसून के बाद अच्छे भाव मिलने पर बेचेगी, पूरी फसल पानी में गल कर खराब हो गई। स्पीकर को अपनी पीड़ा बताते हुए सुनीता फफक पड़ी। आगे बढ़ते हुए बिरला जब बस्ती में पहुंचे तो तबाही का मंजर दिखाई दिया। एक भी घर ऐसा नहीं था जो सुरक्षित हो। अधिकांश मकान मलबे का ढेर बन चुके थे। जो अब भी खड़े थे, उनकी हालत अब रहने लायक नहीं थी।

दर्द बयां करने के लिए दौडक़र आए लोग
बिरला ने खातौली, रामपुरिया धाभाई, छापौल, आसीदा व कैथूदा तथा सुल्तानपुर क्षेत्र के सनीजा बावड़ी, किशनगंज, बूढ़ादीत और बनेठिया का भी दौरा किया। हर जगह वे दर्द, आंसू और तबाही की अनेक कहानियों से रूबरू हुए। लोगों ने उन्हें फसलें तबाह हो जाने, घर ढह जाने, दुकान का सारा सामान नष्ट हो जाने समेत अनेक समस्याएं बताईं। सबकी आंखों में एक ही आस दिखाई दी कि इस कठिन समय में लोकसभा अध्यक्ष बिरला ही हैं जो उनके मददगार बनेंगे।

आश्रय लिए महिलाओं-बच्चों का जाना हाल
लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने खातौली में राजकीय विद्यालय में आश्रय लिए हुए महिलाओं से भी मिले। महिलाओं ने उन्हें बताया कि देखते ही देखते सब कुछ खत्म हो गया। घर का सारा सामान बह गया। अब वे छोटे-छोटे बच्चों के साथ स्कूल में आसरा लिए हुए हैं। बिरला ने अधिकारियों को निर्देश दिए महिलाओं और बच्चों को कोई तकलीफ नहीं होनी चाहिए।

जगह-जगह रोक कर बताई समस्याएं
पूरे रास्ते में ग्रामीणों ने लोगों ने काफिले को रोककर लोकसभा अध्यक्ष बिरला को अपनी समस्याओं की जानकारी भी दी। कैथूदा गांव में लोगों ने जरहर में पुलिया का निर्माण करवाने की मांग की। इसमें वन विभाग की स्वीकृति की अड़चन बनी हुई है। बिरला ने मौके से ही वन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजें। जैसे ही राज्य सरकार प्रस्ताव को केंद्र को भेजेगी उसे तत्काल स्वीकृति दिला दी जाएगी।