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BIG NEWS: टाइगर की धमक से कोटा के 4 गांवों में सन्नाटा, दिन भी रात जैसा खामोश

रणथम्भौर से निकल कर आए बाघ 'टी 110 के खेड़ली तंवरान जंगल में खाड़ी के आस-पास नए पगमार्क मिले हैं। टाइगर की मौजूदगी से पास ही के खेड़ली तंवरान, निमली, मण्डावरा, महराना गांवों में सन्नाटा पसरा हुआ है।

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कोटा

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Zuber Khan

Jan 26, 2019

Tiger-110

Presence of predators in Sanjay Tiger Reserve

बूढ़ादीत (कोटा). कई दिन से उजाड़ क्षेत्र में घूम रहे रणथम्भौर से निकल कर आए बाघ 'टी 110 के खेड़ली तंवरान जंगल में खाड़ी के आस-पास नए पगमार्क मिले हैं। इस क्षेत्र में टाइगर की मौजूदगी से पास ही के खेड़ली तंवरान, निमली, मण्डावरा, महराना गांवों में सन्नाटा पसरा हुआ है। इन गांवों में करीब 7 हजार परिवारों की आबादी है। यहां दोपहर को दिनभर ग्रामीणों की चहल-पहल बनी रहती थी लेकिन जब से इस क्षेत्र में टागइर ने कदम रखा तब से ही इन गांवों में दिन भी रात जैसा खामोश हो गया।

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शनिवार को भी वन विभाग की टीम सरसों के खेतों से मेहरानी खाड़ी तक ट्रेकिंग करती रही। इससे पूर्व शुक्रवार सुबह वन विभाग की टीमों ने सरसों के खेत से तलाशी शुरू की तो खेत से करीब 500 मीटर की दूरी पर खाड़ी के सहारे बाघ की चहल-कदमी के संकेत मिले।

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टे्रकिंग टीमें को करीब एक किलोमीटर की दूरी तक खाड़ी के दोनों ओर पगमार्क दिखाई दिए। टीमों ने पीओपी से पगमार्क सुरक्षित कर आला अधिकारियों को अवगत कराया। उप वन संरक्षक जोधराज सिंह हाड़ा मौके पर पहुंचे। बस्ती से कुछ ही दूरी पर बाघ की हलचल मिलने पर उन्होंने ट्रेकिंग को नियमित रखने के निर्देश दिए। वनकर्मियों ने बताया कि एक दिन आराम करने के बाद बाघ ने लंबा मूवमेन्ट किया है।

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बाघ को ट्रंकुलाइज कर सुरक्षित जगह पर स्थानान्तरित किया जाना चाहिए। लोग दहशत के मारे खेतों में नहीं जा पा रहे। आवारा मवेशी फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं।
सत्यनारायण मीणा, ग्रामीण निमली


बाघ की मूवमेन्ट को लेकर आला अधिकारियों को असंवेदनशील क्षेत्र को देखते हुए बाघ को ट्रंकुलाइज करने की तैयारियां पूरी हैं। उसकी हर गतिविधि की निगरानी रखी जा रही है। साइटिंग होने की स्थिति में टं्रकुलाइज कर सुरक्षित क्षेत्र में छोडऩे का प्रयास किया जाएगा।
जोधराजसिंह हाड़ा, उप वन संरक्षक कोटा