
Tigers will come to Mukundara Hills Tiger Reserve on December 31
कोटा के मुकुन्दरा हिल्स टागइर रिजर्व में बाघों की दहाड़ सुनाई देने का एक दशक पुराना इंतजार इस साल के आखिरी दिन खत्म हो जाएगा। वन विभाग के उच्च अधिकारियों के अनुसार कोटा के मुकुन्दरा हिल्स टाइगर रिजर्व में बाघ छोडऩे की डेट लाइन 31 दिसम्बर तय की गई है। शुरुआत में रणथंभौर टाइगर रिजर्व से एक जोड़े को यहां लाकर बसाया जाएगा। विभाग जोर शोर से इसकी तैयारियों में जुटा हुआ है।
पहले आएंगे बाघों की जोड़ी
वन विभाग के उच्च अधिकारियों ने बताया कि सबसे पहले बाघ-बाघिन के एक जोड़े को मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में लाकर बसाया जाएगा। मुकुंदरा लाने के लिए रणथम्भौर से निकलकर बूंदी के जगलों में आए बाघ टी -91 को और उसकी जोड़ीदार टी 83 बाघिन को चुना गया है। दोनों को ट्रंकोलाइज कर सड़क मार्ग से मुकुन्दरा हिल्स टाइगर रिजर्व में लाया जाएगा। इसके बाद इन्हें यहां बने एनक्लोजर में छोड़ा जाएगा।
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टी-91 की चल रही है ट्रेकिंग
बाघ टी-91इन दिनों बूंदी जिले की रामगढ़ सेंचुरी में विचरण कर रहा है। इसे काफी खूंखार बताया जाता है। वन विभाग इसकी लगातार ट्रेकिंग कर रहा है। इसके अलावा एक रणथम्भौर से बाघिन को लाया जाएगा। सूत्रों के अनुसार विभाग ने मुकुन्दरा में छोडऩे के लिए दो अन्य बाघ टी -66 व बाघिन - टी 79 का भी चयन किया है।
अधूरी तैयारियों के बीच छोड़ा जाएगा बाघ
रणथंभौर टाइगर रिजर्व के क्षत्रीय निदेशक वाई के साहू ने बताया कि 31 दिसम्बर
को मुकुन्दरा हिल्स टाइगर रिजर्व में बाघ छोड़ने की योजना है। दोनों बाघों को कहां रखा जाएगा, यह परिस्थितियों के अनुसार तय करेंगे। बजरी की समस्या के बावजूद प्रयास यही है कि इसी वर्ष मुकुन्दरा में बाघ छोड़ा जाए। शुरू में एक जोड़े को छोडऩे की योजना है।
एेसा है मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व
कोटा रियासत के पूर्व शासक महाराव मुकुन्द ने दरा के पहाड़ी वनक्षेत्र को शिकारगाह के रूप में विकसित किया था। चंबल नदी के निकट सेल्जर एवं कोलीपुरा से दरा होकर काली सिंध तक फैली हुई समानांतर पहाडि़यों का नामकरण राव मुकुन्द के नाम से मुकुन्दरा हिल्स रखा था। इन्ही मुकुन्दरा हिल्स पहाडि़यों के नाम पर बाघ संरक्षित क्षेत्र का नाम मुकुन्दरा हिल्स टाइगर रिजर्व रखा गया है। यह कोटा-बूंदी, झालावाड़ व चित्तौड़ जिले में फैला हुआ है।
2013 में घोषित हुआ था टाइगर रिजर्व
मुकुन्दरा हिल्स टाइगर रिजर्व 759.99 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है। इसमें दरा अभयारण्य, जवाहर सागर अभयारण्य, राष्ट्रीय चंबल घडि़याल अभयारण्य का कुछ भाग शामिल है। टाइगर रिजर्व में 417.17 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र क्रिटिकल टाइगर हेबिटाट यानि कोर एरिया और 342.82 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र बफर एरिया के तौर पर विकसित किया गया है। इस इलाके को 9 मार्च 2013 को टाइगर रिजर्व घोषित किया।इससे पहले इसे नेशनल पार्क घोषित किया गया था।
Updated on:
13 Dec 2017 12:55 pm
Published on:
13 Dec 2017 12:51 pm
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