
Travel From luxury train Antoday in simple fares
बान्द्रा टर्मिनस से गोरखपुर तक सफर कर रहे हैं और रिजर्वेशन भी नहीं हुआ तो है परेशान होने की जरूरत नहीं है। अंत्योदय एक्सप्रेस साधारण किराए में आपको लक्जरी सफर कराएगी। इस ट्रेन में राजधानी और शताब्दी जैसे गलियारे हैं। सामान रखने के लिए गद्दीदार रैक के साथ ही चाय, कॉफी और दूध की आपूर्ति करने के लिए वैडिंग मशीनें लगी हुई हैं।
बान्द्रा टर्मिनस से गोरखपुर के बीच सामान्य किराए पर लग्जरी ट्रेन चलाने की घोषणा को सरकार ने रविवार के दिन साप्ताहिक अंत्योदय एक्सप्रेस का संचालन कर पूरा कर दिया। इस ट्रेन की खास बात यह है कि इसके सारे कोच अनारिक्षत हैं और सामान्य श्रेणी के टिकट पर इसमें यात्रा की जा सकती है। पहली बार जब ट्रेन कोटा जंक्शन पहुंची तो इसे देखने के लिए यात्री ही नहीं रेलकर्मी भी खासे उत्सुक दिखे।
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सप्ताह में एक दिन होगा संचालन
अंत्योदय एक्सप्रेस (गाड़ी संख्या 22921) गोरखपुर जाने के लिए प्रत्येक रविवार को बान्द्रा टर्मिनस से रवाना होगी। वहीं गाड़ी संख्या 22922 बान्द्रा टर्मिनस जाने के लिए प्रत्येक मंगलवार को गोरखपुर से रवाना होगी। इस गाड़ी में 16 द्वितीय श्रेणी, 2 एसएलआर सहित कुल 18 कोच हैं। सफर के दौरान यह ट्रेन बोरीवली, सूरत, वड़ोदरा, रतलाम, कोटा, भरतपुर, अछनेरा, मथुरा जं, कासगंज, कानपुर सेन्ट्रल, लखनऊ, गोंडा और नौगढ़ रेलवे स्टेशनों पर ठहरेगी। बान्द्रा टर्मिनस से गोरखपुर जाते समय यह ट्रेन कोटा जंक्शन पर रविवार को शाम 6.30 बजे कोटा जंक्शन पर पहुंचेगी। वहीं गोरखपुर से बान्द्रा टर्मिनस जाते समय यह ट्रेन रात को 1.45 बजे कोटा पहुंचेगी। पहले दिन ट्रेन खाली आई। कुछ कोचों में इक्के-दुक्के यात्री ही सवार थे।
13 घंटे 20 मिनट में तय होगा बान्द्रा से कोटा का सफर
बान्द्रा टर्मिनस से कोटा जंक्शन तक 909 किमी की दूरी को यह अंत्योदय एक्सप्रेस 13.20 घंटे में तय करेगी। राजधानी एक्सप्रेस से करीब 3 घंटे ज्यादा वक्त लगेगा, लेकिन बाकी ट्रेनों से काफी कम समय में यह सफर तय हो जाएगा। सफर के दौरान ट्रेन की औसत रफ्तार 57 से 65 किमी प्रति घंटे रहेगी। हालांकि ट्रेन की अधिकतम रफ्तार 130 किमी प्रति घंटे रखी गई है।
अंत्योदय एक्सप्रेस की खासियत
अंत्योदय एक्सप्रेस की सीटों को लंबे सफर के लिए बेहद आरामदायक बनाया गया। रफ्तार पकडऩे पर ट्रेन में झटके भी महसूस नहीं होते। दुर्घटना होने पर यात्रियों को न्यूनतम नुकसान होगा। सामान रखने के लिए गद्दीदार रैक डिजाइन किए गए हैं। जिन्हें सीट की तरह भी इस्तेमाल किया जा सकता है। कोच इस तरह डिजाइन किए गए हैं कि खड़े होकर भी बेहद सहज तरीके से यात्रा की जा सकती है। ट्रेन के अंदर आवाजाही के लिए राजधानी और शताब्दी ट्रेन जैसे गलियारे बनाए गए हैं। इतना ही नहीं मोबाइल और इलेट्रॉनिक उपकरण चार्जिंग प्वाइंट, बॉयोटॉयलेट और स्टेशन डिस्प्ले सिस्टम के साथ-साथ वैंडिंग मशीन से चाय, कॉफी और दूध की आपूर्ति भी की जाएगी।

Published on:
21 Aug 2017 12:14 pm
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