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कोटा: दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे पर निर्माणाधीन टनल का एक हिस्सा ढहने से 4 मजदूर मलबे में दबे, 1 की मौत

दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर निर्माणाधीन सुरंग का एक हिस्सा ढहने से बड़ा हादसा हो गया। घटना शनिवार देर रात की है। जानकारी के अनुसार हादसे के वक्त सुरंग में करीब आधा दर्जन मजदूर मौजूद थे।

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कोटा

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Suman Saurabh

Dec 01, 2024

under-construction tunnel on Delhi-Mumbai Expressway in kota rajasthan collapsed, 1 worker died

कोटा। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर निर्माणाधीन सुरंग का एक हिस्सा ढहने से बड़ा हादसा हो गया। मलबे में 4 मजदूर दब गए, जिनमें से 1 मजदूर की मौके पर ही मौत हो गई जबकि अन्य घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घटना शनिवार देर रात की है। जानकारी के अनुसार हादसे के वक्त सुरंग में करीब आधा दर्जन मजदूर मौजूद थे। तभी अचानक कोटा के रामंजमंडी के मोड़क इलाके में बन रही सुरंग का एक हिस्सा ढह गया। घटना के बाद अफरा-तफरी मच गई। इस बीच मलबे में 4 मजदूर दब गए। सुरंग में मौजूद साथी मजदूरों ने मलबा हटाकर चारों को बाहर निकाला, लेकिन तब तक एक मजदूर की मौत हो चुकी थी, 3 अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। जिन्हें स्थानीय प्रशासन की मदद से अस्पताल में भर्ती कराया गया। घटना की सूचना मिलने पर पुलिस और राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के अधिकारी मौके पर पहुंचे।

हादसे में टनल ठेकेदार की लापरवाही आई सामने

हादसे में सुरंग के ठेकेदार की लापरवाही सामने आई है। मजदूरों से बिना सुरक्षा उपकरणों के काम करवाया जा रहा था। हालांकि, एनएचएआई के अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं और हादसे के कारणों की जांच कर रहे हैं। साथ ही, हादसे के समय मौके पर मौजूद मजदूरों से घटना के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है।

मुकुंदरा टाइगर रिजर्व की पहाड़ियों के नीचे से बनाई जा रही टनल

एनएचएआई अधिकारी के मुताबिक, दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर मुकुंदरा टाइगर रिजर्व (दारा) के पास आठ लेन की ग्रीन ओवरपास टनल बनाई जा रही है। इसकी लंबाई करीब 4.9 किलोमीटर है जो मुकुंदरा टाइगर रिजर्व की पहाड़ियों के नीचे से बनाई जा रही है। इस सुरंग के ऊपर से वन्यजीव खासकर बाघ गुजर सकेंगे, जबकि नीचे वाहन चलेंगे। यह सुरंग न सिर्फ साउंडप्रूफ और वाटरप्रूफ होगी, बल्कि इसमें वाहनों के शोर से वन्यजीवों को परेशानी नहीं होगी। यह प्रोजेक्ट ऑस्ट्रेलिया की लेटेस्ट तकनीक से बनाया जा रहा है, जिसमें सेंसर लगाए जाएंगे जो वाहनों की आवाजाही पर नजर रखेंगे। इस सुरंग के निर्माण पर करीब 1200 करोड़ रुपये की लागत आएगी और इसे 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।

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