29 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

पंचायती राज में अब नहीं दौड़ेंगे ‘कागजी घोड़े’ !

पंचायती राज विभाग ने 'कागजी घोड़ोंÓ की सख्ती से लगाम कस दी है...

2 min read
Google source verification

कोटा

image

Suraksha Rajora

Apr 01, 2019

use of paper in Panchayati Raj Department completely stopped

पंचायती राज में अब नहीं दौड़ेंगे 'कागजी घोड़े' !

कोटा. पंचायती राज विभाग ने 'कागजी घोड़ोंÓ की सख्ती से लगाम कस दी है। विभागीय पत्राचार से लेकर सभी आदेश-निर्देश अब मेल और व्हाट्सएप पर दौड़ते नजर आएंगे। विभाग में कागज के इस्तेमाल पर पूरी तरह से रोक रहेगी। सिर्फ सूचना के अधिकार और न्यायिक प्रकरणों में ही हार्ड कॉपी का इस्तेमाल होगा। वह भी तब जब बेहद जरूरी हो। इस अनूठी पहल से करोड़ों रुपए का कागज तो बचेगा ही, साथ ही कागजी हेराफेरी पर भी लगाम लगेगी।

Read More: Election 2019: लोकसभा चुनाव को लेकर क्या कह गए मुख्य निर्वाचन अधिकारी !

शासन सचिव एवं आयुक्त ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग आशुतोष एटी पेडणेकर ने 15 मार्च को आदेश जारी कर पूरे विभाग में कागज के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है। कागजों का उपयोग सीमित कर पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ सरकारी काम को आसानी और जल्दी से निपटाने के लिए विभागीय मुख्यालय से प्रदेश की सभी जिला परिषदों और जिला पंचायत समितियों को भेजे जाने वाले पत्र, परिपत्र और दिशा निर्देशों की अब सिर्फ सॉफ्ट कॉपी ही रिलीज की जाएगी।

मेल और व्हाट्सएप पर आएंगे आदेश


शासन सचिव की ओर से जारी किए गए आदेश के बाद अब पंचायती राज मुख्यालय के सभी अनुभाग अब जिला परिषदों और पंचायत समितियों के साथ ईमेल के जरिए ही पत्राचार करेंगे। लोगों की सुविधा के लिए इन्हें विभागीय वेबसाइट पर भी अपलोड किया जाएगा। बेहद जरूरी पत्र, आदेश और निर्देश देखने से कोई अफसर चूक न जाए, इसलिए संबंधित अनुभाग इसकी सूचना मुख्य कार्यकारी अधिकारियों और विकास अधिकारियों के विभागीय व्हाट्सएप ग्रुप पर भी डालेंगे।

वक्त के साथ बचेंगे पेड़ और पैसे
मुख्य कार्यकारी अधिकारी कोटा जिला पंचायत शुभम चौधरी ने बताया कि पहले विभागीय पत्र, परिपत्र और दिशा निर्देश डाक से भेजे जाते थे। पंचायत समितियों तक इन्हें पहुंचने में काफी वक्त तो लगता ही था, साथ ही डाक और कागज पर भी लंबा चौड़ा खर्च आता था। यह खर्चा तो बचेगा ही साथ ही पर्यावरण भी संरक्षित हो सकेगा। महज एक क्लिक पर सभी आदेश जिले से लेकर पंचायत स्तर तक पहुंच जाएंगे। जिससे उनका क्रियान्वयन आसानी और तेजी से हो सकेगा। अधिकारियों के व्हाट्सएप ग्रुप और मेल पर भी इनकी सूचना रहने से किसी भी पत्र या निर्देश को डॉक में दबा कर भी नहीं रखा जा सकेगा।

Read More: आईआईटी में फीमेल स्टूडेंट्स को 17 प्रतिशत सीटों पर मिलेगा प्रवेश....कोटा में परीक्षा केन्द्र नहीं

महज एक क्लिक पर सभी आदेश जिले से लेकर पंचायत स्तर तक पहुंच जाएंगे। जिससे उनका क्रियान्वयन आसानी और तेजी से हो सकेगा। अधिकारियों के व्हाट्सएप ग्रुप और मेल पर भी इनकी सूचना रहने से किसी भी पत्र या निर्देश को दबा कर भी नहीं रखा जा सकेगा।

शुभम चौधरी, सीईओ, जिला परिषद्